• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. External Affairs Minister S Jaishankar's visit to Moscow
Written By
Last Updated : गुरुवार, 27 अक्टूबर 2022 (22:28 IST)

यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार रूस जा रहे विदेश मंत्री जयशंकर, क्या पुतिन को मना पाएंगे?

यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार रूस जा रहे विदेश मंत्री जयशंकर, क्या पुतिन को मना पाएंगे? - External Affairs Minister S Jaishankar's visit to Moscow
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले महीने मॉस्को की यात्रा करेंगे और 8 नवंबर को वहां अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत करेंगे। रूस के विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। रूस और यूक्रेन में बढ़ते टकराव के बीच यह घोषणा की गई है।
 
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 8 नवंबर को मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्री द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर चर्चा करेंगे।
 
जयशंकर की प्रस्तावित यात्रा पर विदेश मंत्रालय की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है। समझा जा रहा है कि ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हो सकती है। भारत ने पश्चिमी देशों के असंतोष के बावजूद पिछले कुछ महीने में रूस से कीमतों में छूट वाले कच्चे तेल के आयात को बढ़ाया है।
 
फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के बाद से जयशंकर और लावरोव 4 बार मिल चुके हैं। रूसी विदेश मंत्री अप्रैल में भारत आए थे जिस दौरान उन्होंने जयशंकर से विस्तृत वार्ता के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
 
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले साल दिसंबर में भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता में भाग लेने भारत आए थे। दोनों देशों के बीच एक प्रणाली है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा के लिए सालाना शिखर बैठक करते हैं। इस साल होने वाले सम्मेलन में मोदी की रूस यात्रा की बारी है।
 
फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात कर चुके हैं। मोदी ने जेलेंस्की के साथ 4 अक्टूबर को फोन पर हुई बातचीत में कहा था कि कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने को तैयार है।
 
मोदी ने 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में कहा था कि 'आज का युग युद्ध का नहीं है।' भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अभी तक निंदा नहीं की है और कहता आ रहा है कि संकट का समाधान संवाद और कूटनीति से निकाला जाना चाहिए।
 
रूस ने लगभग 2 सप्ताह पहले क्रीमिया में एक बड़े विस्फोट के जवाब में यूक्रेन के अनेक शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले शुरू किए जिसके बाद दोनों के बीच टकराव बढ़ गया है। विस्फोट के लिए रूस ने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया।
 
Edited by : Ravindra Gupta(भाषा)
ये भी पढ़ें
Kedarnath and Yamunotri: भाड़े से 211 करोड़ का कारोबार, यात्रा की रौनक इस साल रही उत्साहवर्धक