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Last Updated :नारायणपुर/दंतेवाड़ा , शनिवार, 5 अक्टूबर 2024 (01:48 IST)

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, मुठभेड़ में 30 से ज्‍यादा नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, मुठभेड़ में 30 से ज्‍यादा नक्सली ढेर - Encounter with security forces in Chhattisgarh
Encounter with security forces : छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 28 नक्सलियों को मार गिराया जबकि इस दौरान एक जवान घायल हुआ है। हालांकि खबरों के अनुसार मुठभेड़ में 30 से ज्‍यादा नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षाबलों ने क्षेत्र से 28 शव, एके-47 राइफल, एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल), इंसास राइफल, एलएमजी राइफल और .303 राइफल समेत हथियारों का जखीरा भी बरामद किया है। कई अन्य रिपोर्ट्‍स में 36 नक्सलियों के मारे जाने की बात कही जा रही है। 
 
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबलों के इस अभियान की सराहना की और कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए शुरू हुई लड़ाई अब अपने अंजाम तक पहुंचकर ही दम लेगी, इसके लिए डबल इंजन सरकार दृढ़ संकल्पित है।
 
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले की सीमा में अबूझमाड़ के नेंदूर-थुलथुली गांव के जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 28 नक्सलियों को मार गिराया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस दौरान नारायणपुर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का जवान रामचंद्र यादव घायल हुआ है।
सुंदरराज ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में गवाड़ी, थुलथुली, नेंदूर और रेंगावाया गांव के मध्य पहाड़ी पर नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी। सूचना मिलने के बाद बृहस्पतिवार को दोपहर बाद दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले से डीआरजी और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के जवानों के संयुक्त दल को रवाना किया गया था।
 
उन्होंने बताया कि डीकेएसजेडसी (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) के सदस्य कमलेश, नीति, कमांडर नंदू, सुरेश सलाम और अन्य की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह इलाका इंद्रावती एरिया कमेटी, पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर छह और माओवादियों की प्लाटून 16 का गढ़ माना जाता है।
सुंदरराज ने बताया कि आज अपराह्न लगभग एक बजे जब सुरक्षाबल के जवान क्षेत्र में थे तब नक्सलवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने क्षेत्र से 28 शव, एके-47 राइफल, एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल), इंसास राइफल, एलएमजी राइफल और .303 राइफल समेत हथियारों का जखीरा भी बरामद किया है।
 
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने तथा बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान माओवादियों द्वारा दागे गए अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) के गोले में विस्फोट होने से नारायणपुर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान रामचंद्र यादव घायल हो गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि घायल जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उसकी हालत खतरे से बाहर है।
सुंदरराज ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से अब तक 28 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं और सुरक्षाबल के जवानों से जानकारी मिली है कि मुठभेड़ में तीन-चार और नक्सलियों को मारे जाने संभावना है, उनके शवों की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के अतिरिक्त जवानों को घटनास्थल पर भेजा गया है, तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
मुख्‍यमंत्री ने सुरक्षाबलों की सराहना की : मुख्यमंत्री साय ने सुरक्षाबलों के अभियान की सराहना करते हुए ‘एक्स’पर लिखा, नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षाबल के जवानों की नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 28 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। जवानों को मिली यह बड़ी कामयाबी सराहनीय है। उनके हौसले और अदम्य साहस को नमन करता हूं। नक्सलवाद के खात्मे के लिए शुरू हुई हमारी लड़ाई अब अपने अंजाम तक पहुंचकर ही दम लेगी, इसके लिए हमारी डबल इंजन सरकार दृढ़ संकल्पित है। प्रदेश से नक्सलवाद का खात्मा ही हमारा लक्ष्य है।
अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद मुख्यमंत्री साय ने अपने निवास पर पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने 185 माओवादियों को मार गिराया है।
 
इससे पहले, 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में कुछ बड़े कैडर समेत 29 नक्सली मारे गए थे। अगस्त माह में छत्तीसगढ़ के दौरे के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारत मार्च, 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा और इस खतरे के खिलाफ अंतिम हमला शुरू करने के लिए एक मजबूत रणनीति की आवश्यकता है।
Edited By : Chetan Gour