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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 (15:42 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने Mahadev betting app मामले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी को दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने Mahadev betting app मामले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी को दी जमानत - Bail to Chhattisgarh businessman in Mahadev betting app case
Businessman gets bail in Mahadev betting app case: उच्चतम न्यायालय ने महादेव सट्टेबाजी ऐप (Mahadev betting app) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए छत्तीसगढ़ के कारोबारी सुनील दम्मानी को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें दम्मानी को जमानत देने से इंकार किया गया था।
 
शीर्ष अदालत ने कहा कि दम्मानी 23 अगस्त, 2023 से हिरासत में हैं। पीठ ने कहा कि मामले के गुण-दोष पर कुछ भी कहे बिना हमारा मानना ​​है कि अपीलकर्ता को जमानत शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि यदि किसी अन्य जांच में आवश्यकता न हो तो अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है। उन्हें हर 15 दिन में संबंधित जिले में ईडी कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। अपीलकर्ता सुनवाई अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएगा।ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जेल में जाति के आधार पर काम का बंटवारा ठीक नहीं
 
सुनवाई शुरू होते ही दम्मानी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत को बताया कि कारोबारी 14 महीने से जेल में है। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी जांच में शामिल नहीं हुआ और मामले में अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है।
 
ईडी की ओर से पेश हुए वकील जोहेब हुसैन ने दलील दी कि इस मामले में 45 आरोपी हैं और कारोबारी हवाला ऑपरेटर है तथा उस पर 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की आपराधिक आय को अवैध रूप से विदेश भेजने का आरोप है। जांच एजेंसी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मुख्य साजिशकर्ता फरार हैं और उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है।ALSO READ: बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्‍त, अवैध मंदिरों और मस्जिदों को हटाना होगा
 
हालांकि शीर्ष अदालत ने इस तथ्य पर गौर किया कि दम्मानी पिछले साल अगस्त से जेल में हैं। अदालत ने कहा कि वह आरोपों के गुण-दोष पर विचार किए बिना तथा इस तथ्य को ध्यान में रखे बिना उसे जमानत दे रही है कि ईडी द्वारा शिकायत (आरोप पत्र) पहले ही दाखिल की जा चुकी है।
 
शीर्ष अदालत दम्मानी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जमानत याचिका खारिज करने के उच्च न्यायालय के 26 जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई थी। पिछले साल 23 अगस्त को ईडी ने महादेव ऐप से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित संलिप्तता के लिए दम्मानी के साथ तीन अन्य को गिरफ्तार किया था।ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर पर आए फैसले को लेकर अखिलेश ने साधा योगी पर निशाना
 
केंद्रीय जांच एजेंसी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा समेत 10 लोगों से जुड़े परिसरों की भी तलाशी ली। इस मामले में दम्मानी के अलावा उनके भाई अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) चंद्र भूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर (सभी रायपुर निवासी) को गिरफ्तार किया गया।
 
ईडी के अनुसार दम्मानी बंधुओं के पास आभूषण की एक दुकान और एक पेट्रोल पंप है और कथित तौर पर हवाला लेन-देन में उनकी भूमिका थी। एएसआई वर्मा ने कथित तौर पर अन्य आरोपियों को पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए उनसे पैसे लिए और संदेह है कि उन्होंने अन्य पुलिस अधिकारियों को भी पैसे दिए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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