देवबंद का चुनावों को लेकर पहली बार फतवा, मतदान करें लेकिन...
देवबंद (सहारनपुर)। अपनी स्थापना के 150वें साल के इतिहास में पहली बार दारूल उलूम देवबंद की ओर से चुनावों को लेकर जारी फतवा मुस्लिमों से कहा है कि वे मतदान अवश्य करें, लेकिन झूठे, मक्कर और जालसाज उम्मीदवारों के पक्ष में वोट नहीं डालें।
दारूल उलूम सियासी गतिविधियों और किसी पार्टी या उम्मीदवार के समर्थन या विरोध की कभी भी कोई अपील जारी नहीं करता है। लेकिन पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा के चुनावों और 2019 के लोकसभा के आम चुनावों को लेकर दारूल उलूम ने पहली बार फतवा जारी कर मुस्लिमों से कहा है कि वे मतदान अवश्य करें, लेकिन ऐसे उम्मीदवारों को वोट ना डालें जो झूठे, मक्कर और जालसाज हों।
दारूल उलूम के इफ्ता विभाग से पूछे गए सवालों पर अपनी राय देने को कहा गया था कि क्या मुसलमान चुनावों में भाग ले सकता है और उन्हें मतदान करना चाहिए, इस्लाम धर्म में वोट को लेकर शरियत क्या कहता है, दारूल उलूम के मुफ्तियों ने इन सवालों के जवाब में कहा है कि मुसलमानों के लिए चुनाव लड़ना जायज है और मुसलमानों के लिए वोट डालना भी जरूरी है।
फतवे में कहा गया कि वोट डालते वक्त मुस्लिम समाज के लोग यह ध्यान अवश्य रखें कि उम्मीदवार अच्छी सोच का हो, साफ-सुथरा और भरोसेमंद हो और उससे किसी भी तरह का नुकसान पहुंचने का डर ना हो।
गौरतलब है कि इससे पहले दारूल उलूम ने महिलाओं के चुनावों में आरक्षण किए जाने के दौरान महत्वपूर्ण फतवा जारी करते हुए मुस्लिम औरतों से यह अपेक्षा की गई थी कि वह पर्दे में रहकर चुनाव लड़ें और चुने जाने पर पर्दे में ही रहकर अपने दायित्व का निर्वाह करें। (वार्ता)