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Last Updated : गुरुवार, 17 दिसंबर 2020 (22:06 IST)

अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ीं, कहा- किसानों से छल नहीं कर सकते

अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ीं, कहा- किसानों से छल नहीं कर सकते - Delhi CM Arvind Kejriwal tears copies of Centre's farm laws in assembly
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में केंद्र के कृषि से संबंधित तीनों नए कानूनों की प्रतियों को फाड़ते हुए कहा कि वे देश के किसानों के साथ छल नहीं कर सकते। दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कानूनों को भाजपा के चुनावी 'फंडिंग' के लिए बनाया गया है और यह किसानों के लिए नहीं है।
केजरीवाल ने तीनों कानूनों की प्रतियों को फाड़ते हुए कहा कि मुझे ऐसा करते हुए दुख हो रहा है। मैं ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन मैं देश के किसानों के साथ छल नहीं कर सकता, जो ठंड में सड़कों पर सो रहे हैं, जब तापमान 2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मैं सबसे पहले इस देश का नागरिक हूं, मुख्यमंत्री बाद में। विधानसभा तीनों कानूनों को खारिज करती है और केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए।
 
केजरीवाल ने कहा कि अब तक 20 प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हो चुकी है और कहा कि केंद्र को अब जाग जाना चाहिए तथा केंद्र इस मुगालते में न रहे कि किसान वापस अपने घर चले जाएंगे। वर्ष 1907 में किसानों का प्रदर्शन 9 महीनों तक चलता रहा, जब तक कि ब्रिटिश शासकों ने कुछ कानूनों को निरस्त नहीं कर दिया।

संत राम सिंह जी ने बलिदान दिया :  दिल्ली विधानसभा का आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। इस विशेष सत्र में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों पर विस्तार से चर्चा की गई। विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संत राम सिंह के मन में समाज, देश के किसानों के लिए इतनी पीड़ा थी कि इतनी बड़ा बलिदान कर दिया। जो पत्र लिखकर वे शहीद हुए, उस पत्र में उनका दर्द था कि मुझसे किसानों का दर्द देखा नहीं जा रहा। सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए रोज जैकेट, कंबल लेकर आया करते थे।

जब किसानों की वह पीड़ा उनके लिए असहाय हो गई, तो उन्होंने शहादत दे दी। इस आंदोलन में अभी तक 20 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं। इस आंदोलन को भी 20 दिन हुए हैं और इस आंदोलन में लगभग रोज एक किसान शहीद हो रहा है। मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि आप इस देश के किसानों की बात सुनने से पहले आप लोग और कितनी शहादत और कितनी जान लोगे?