गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Cow protectors or gangsters They dont even listen to Modi ji

गोरक्षक या गैंगस्टर? ये तो मोदी जी की भी नहीं सुनते

Aryan Mishra
Aryan Mishra murder case: दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे पर हरियाणा के फरीदाबाद में गदपुरी के पास आर्यन मिश्रा को 23 अगस्त की रात कुछ 'स्वयंभू गोरक्षकों' द्वारा पहले गर्दन पर फिर सीने पर गोली मारी जाती है। इससे पहले आर्यन की कार का 25-30 किलोमीटर तक पीछा किया जाता है। 24 अगस्त को 12वीं के छात्र आर्यन की मौत हो जाती है। इसके बाद 31 अगस्त को बीफ खाने के संदेह में हरियाणा के ही चरखी दादरी में एक प्रवासी मजदूर की हत्या कर दी जाती है।
 
चरखी दादरी की घटना के बाद तो राज्य के मुख्‍यमंत्री नायब सिंह सैनी का बयान भी आता है कि हमने गोमाता की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया है। इसके लिए कोई समझौता नहीं है। लोगों के मन में गोमाता के लिए आस्था है। उनकी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। जब ऐसी कोई सूचना आती है, तो गांव के लोग प्रतिक्रिया करते हैं। हरियाणा में इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में लोग हिन्दू-मुस्लिम धड़ों में बंटे हुए दिखाई देते थे, लेकिन इस बार मरने वाला 'आर्यन खान' नहीं बल्कि 'आर्यन मिश्रा' है। इस बार लोगों में तथाकथित गोरक्षकों के प्रति गुस्सा है, होना भी चाहिए।  ALSO READ: shocking video : सतना जिले में 50 गायों को उफनती नदी में फेंका, 20 की मौत
 
मुख्‍यमंत्री सैनी राज्य में गोरक्षा के लिए कड़े कानून की बात करते हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि कानून पालन कराने का जिम्मा सरकार या पुलिस का है। इसका जिम्मा किसी ऐरे-गैरे संगठन को नहीं दिया जा सकता है। अगर मुख्‍यमंत्री की नजर में यह ठीक है तो फिर पुलिस और कानून की जरूरत ही क्या है? सवाल यह भी है कि स्वयंभू गोरक्षकों को गैंगस्टरों वाली हरकत करने का अधिकार किसने दिया? वे कैसे एक कार का पीछा कर एक युवक की हत्या कर सकते हैं? यदि उन्हें गोतस्करी का शक था तो क्यों नहीं उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी? आरोपियों ने जिस हथियार का प्रयोग किया था वह अवैध था। यदि हरियाणश की भाजपा सरकार की नजर में यह सही है तो लोकतंत्र और जंगलराज में अंतर ही क्या रह जाएगा?  
 
क्या आर्यन मिश्रा के पिता की पीड़ा मुख्‍यमंत्री सैनी तक पहुंचेगी, जिन्होंने कहा कि गोतस्करों के शक में मेरे बेटे को गोली मारने का अधिकार कौन देता है? उन्होंने कहा कि हम पंडित हैं, हमारा किसी से झगड़ा नहीं है। हम परदेसी हैं और कमाने-खाने वाले हैं। अब आर्यन की मां और उसके पिता पर क्या गुजर रही होगी, इसका अंदाजा न तो मुख्‍यमंत्री को हो सकता है और न ही स्वयंभू गोरक्षकों को और उनके मां-बाप को। सबसे अहम बात तो यह है कि ये गैंगस्टर (क्षमा करें गोरक्षक) तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात भी नहीं सुनते। 
 
क्या कहा था प्रधानमंत्री ने : दरअसल, गुजरात के ऊना में गोरक्षा के नाम पर दलितों की पिटाई के बाद 2016 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि कथित गोरक्षकों की हरकतों पर मुझे बहुत गुस्सा आता है। ये रात में अपराधी होते हैं और दिन में गोरक्षक बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि पड़ताल की जाए, तो इनमें से 80 फीसदी लोग ऐसे निकलेंगे, जो गोरक्षा की दुकान खोलकर बैठ गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों का डोजियर तैयार कर उनके खिलाफ कार्रवाई की अपील भी की थी। 
 
इसमें कई संदेह नहीं कि गोवंश की रक्षा होनी चाहिए। चूंकि भारत कृषि प्रधान देश है और गोवंश देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है, लेकिन गोरक्षा के नाम पर क्या इंसानों की बलि लेनी चाहिए। हिन्दू संगठनों को भी चाहिए कि वे गोरक्षा के नाम पर संगठनों में शामिल अपराधी किस्म के लोगों की पहचान करें और उन्हें बाहर निकालें। यदि गोरक्षा के नाम पर दलितों पर अत्याचार होंगे और आर्यन मिश्रा जैसे युवा की शक की बिना पर हत्या कर दी जाएगी तो इससे हिन्दू समाज जुड़ेगा नहीं टूट जाएगा। ... और यदि गोतस्करी में कोई मुस्लिम भी शामिल है तो उसे कानून के हवाले करिए। खुद ही 'जज' और खुद ही 'जल्लाद' मत बन जाइए। 
ये भी पढ़ें
नीतेश राणे को भारी पड़ा मुस्लिमों पर विवादित बयान, FIR दर्ज