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Last Updated : बुधवार, 8 जुलाई 2020 (12:48 IST)

कांग्रेस ने उठाया सवाल, क्या चीन के साथ बनी सहमति पूर्व की यथास्थिति की बहाली के खिलाफ तो नहीं

Randeep Surjewala | कांग्रेस ने उठाया सवाल, क्या चीन के साथ बनी सहमति पूर्व की यथास्थिति की बहाली के खिलाफ तो नहीं
नई दिल्ली। कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध के बीच कुछ इलाकों से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की शुरुआत को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल किया कि क्या दोनों देशों के बीच बनी सहमति पूर्व की यथास्थिति की बहाली के खिलाफ नहीं है?
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि पूरा देश अपने जवानों और सरकार के साथ एकजुट होकर खड़ा है और ऐसे में प्रधानमंत्री को हमारी भूभागीय अखंडता की मजबूती से रक्षा करनी चाहिए।
 
उन्होंने कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों के बयानों से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि प्रधानमंत्रीजी, राष्ट्रीय सुरक्षा पावन होती है। भूभागीय अखंडता किसी समझौते से परे होती है। क्या यह सही है कि चीन के साथ नए प्रोटोकॉल के तहत भारतीय जवान पीपी-14 (गलवान घाटी), पीपी-15 (हॉट स्प्रिंग्स) और पीपी-17 (गोगरा) तक गश्त नहीं लगा सकते?
सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या यह सही है कि इन तीनों इलाकों में एलएसी के सीमांकन को लेकर चीन के साथ कभी कोई विवाद नहीं रहा है? भारत एलएसी पर अपनी सीमा की तरफ 'बफर जोन' बनाने पर सहमत क्यों हुआ? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह गलवान घाटी और दूसरे बिंदुओं पर पूर्व की यथास्थिति की बहाली के खिलाफ नहीं है? चीन पेंगोंग सो इलाके में फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच से तथा डेपसांग इलाके में वाई जंक्शन से अपने सैनिकों को क्यों नहीं हटा रहा है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरा देश हमारे शस्त्र बलों और सरकार के साथ एकजुट होकर खड़ा है। हमारी भूभागीय अखंडता की मजबूती के साथ रक्षा करने की जिम्मेदारी आपकी है।
 
गौरतलब है कि सीमा पर तनाव कम होने के पहले संकेत के रूप में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी है। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग ई ने टेलीफोन पर बात की जिसमें वे एलएसी से सैनिकों के तेजी से पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए। (भाषा)