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Last Updated : गुरुवार, 16 जून 2022 (00:14 IST)

National Herald case : राहुल गांधी से ED ने तीसरे दिन की 8 घंटे से ज्यादा की पूछताछ, शुक्रवार को फिर बुलाया

National Herald case : राहुल गांधी से ED ने तीसरे दिन की 8 घंटे से ज्यादा की पूछताछ, शुक्रवार को फिर बुलाया - Congress leader Rahul Gandhi leaves from ED office
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से 8 से घंटे से ज्यादा की पूछताछ की। 
 
30 घंटे तक पूछताछ : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार-पत्र से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लगातार तीसरे दिन बुधवार को करीब 8 घंटे तक पूछताछ की और इस दौरान उनसे ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) और इसका स्वामित्व रखने वाली कंपनी ‘यंग इंडियन’ से जुड़े निर्णयों में उनकी ‘निजी भूमिका’ के बारे में सवाल-जवाब किए।

राहुल गांधी रात करीब साढ़े नौ बजे एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित ईडी मुख्यालय से बाहर निकले। बुधवार को लगातार तीसरे दिन पूछताछ के बाद ईडी अब तक राहुल गांधी से कई सत्रों में करीब 30 घंटे पूछताछ कर चुकी है।
 
गुरुवार की मांगी छूट : ईडी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को शुक्रवार को चौथी बार पूछताछ के लिए तलब किया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कांग्रेस सांसद ने गुरुवार के लिए छूट मांगी जिसकी अनुमति दे दी गई। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के तीसरे दिन बुधवार को भी विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया। मुख्य विपक्षी दल ने यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली पुलिस ने उसके कार्यालय पर ‘हमला’ बोला और कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की पिटाई की, हालांकि पुलिस ने इस आरोप को खारिज किया है।
 
कांग्रेस के अनुसार, सांसद मणिकम टैगोर, ए. चेल्ला कुमार, अमर सिंह और जयकुमार विजय वसंत तथा राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी., दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी और कई अन्य नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
 
ईडी के अधिकारियों का कहना है कि तीन दिनों की पूछताछ के दौरान राहुल गांधी के बयान की ऑडियो एवं वीडियो रिकॉडिंग की गई। उनके बयानों को ए4 आकार वाले कागज पर टाइप किया जा रहा है और मिनट-मिनट के आधार पर उन्हें दिखाया जाता है और हस्ताक्षर करवाया जाता है तथा इसके बाद जांच अधिकारी को इसे सौंपा जाता है।
जांच एजेंसी के सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि राहुल गांधी से एजेएल के स्वामित्व वाली करीब 800 करोड़ रुपये की संपत्तियों के बारे में सवाल किया जा रहा है और इस बारे में भी पूछा जा रहा है कि कैसे एक गैर लाभकारी कंपनी ‘यंग इंडियन’ अपनी भूमि और भवनों को किराये पर देने की वाणिज्यिक गतिविधियों को अंजाम दे रही थी।
 
कांग्रेस का दावा है कि इस मामले में कोई प्राथमिकी नहीं है और ‘अनूसूचित अपराध’ नहीं है जिसके आधार पर धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) का मामला दर्ज हो और राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी को तलब किया जाए। अधिकारियों ने कहा कि ईडी की कार्यवाही प्राथमिकी के आधार पर की जाने वाली प्रक्रियाओं की तुलना में कहीं ज्यादा ठोस है क्योंकि अदालत ने आयकर विभाग की ओर से दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया है और प्रक्रिया जारी रखी।
 
उनका कहना है कि भारतीय दंड संहिता की धाराएं 120बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) आयकर के मामले में लागू होती हैं तथा ये उन अपराधों का निर्धारण करती हैं जिनसे ईडी धनशोधन का मामला दर्ज कर ले।
 
ईडी जांच अधिकारियों का यह भी कहना है कि पीएमएलए की धारा 3 के तहत धनशोधन परिभाषित है और ईडी इस पूरे मामले में राहुल गांधी की भूमिका की जांच करने के लिए इसे अमल में ला रही है, ‘जबकि इसमें नकदी का कोई आदान-प्रदान नहीं है, लेकिन अपराध का लाभ हुआ है और कुछ लोगों को फायदा मिला है।’
 
पीएमएलए की धारा 3 के अनुसार "जो कोई अपराध की प्रक्रिया के साथ जुड़ी किसी क्रियाविधि अथवा गतिविधि में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से शामिल होने का प्रयास करता है अथवा जानबूझकर सहायता करता है या जानबूझकर कोई पार्टी बनता है अथवा वास्तविक रूप से शामिल है और उसे बेदाग संपत्ति के रूप में प्रस्तुत कर रहा है तो वह भी धनशोधन के अपराध का दोषी होगा।’ अधिकारियों ने कांग्रेस के इस दावे का प्रतिवाद किया जिसमें कहा गया है कि ‘यंग इंडियन’ एक गैर लाभकारी कंपनी है जिसमें कोई लाभ नहीं ले सकता।
 
अधिकारियों ने कहा कि कानून का उल्लंघन अपराध है और इस मामले में आयकर विभाग का आरोपपत्र और ‘एंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट’ (ईसीआईआर) इसका संकेत देता है कि गैरलाभकारी कंपनी के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। राहुल गांधी पिछले दिनों में ईडी कार्यालय में सवाल-जवाब के कई सत्र में 24 घंटे से अधिक समय तक रह चुके हैं।
 
सूत्रों के अनुसार, ‘यंग इंडियन’ की स्थापना, ‘नेशनल हेराल्ड’ के संचालन और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को कांग्रेस द्वारा दिए गए कर्ज तथा मीडिया संस्था के भीतर धन के हस्तांतरण से जुड़े 15-16 सवाल राहुल गांधी के समक्ष रखे गए हैं।
 
अधिकारियों ने कहा कि राहुल गांधी की भूमिका और उनका विस्तृत बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि वह ‘यंग इंडियन’ में बड़े अंशधारक हैं तथा एजेएल और नेशनल हेराल्ड के मामलों में महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। समझा जाता है कि जांच एजेंसी ने राहुल गांधी से एजेएल के स्वामित्व वाली संपत्तियों के बारे में भी सवाल किया है।
 
माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता से कोलकाता की एक कंपनी से लिए गए एक करोड़ रुपये के कर्ज और इसके आधार के बारे में पूछा गया है। यह कर्ज कथित तौर पर फरवरी, 2011 में लिया गया था। सूत्रों ने संकेत दिया है कि ‘यंग इंडियन’ की 2011 में स्थापना से लेकर अब तक की चीजों के बारे में सवाल किया गया है।

इसी मामले में ईडी पहले कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं पवन कुमार बंसल और मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ कर चुकी है। इसी मामले में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को पेश होने के लिए कहा है। सोनिया गांधी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्वस्थ हैं और फिलहाल सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं।
 
अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। ‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य नेता शामिल हैं। कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। (इनपुट भाषा) 
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