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Last Updated : गुरुवार, 22 दिसंबर 2022 (14:46 IST)

राज्यसभा में महापुरुषों के संक्षिप्त नाम पर जताई गई चिंता, पूरा नाम बोलने का किया अनुरोध

राज्यसभा में महापुरुषों के संक्षिप्त नाम पर जताई गई चिंता, पूरा नाम बोलने का किया अनुरोध - Concern expressed on the abbreviated names of great men in the Rajya Sabha
नई दिल्ली। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी की एक सदस्य ने महापुरुषों के नाम पर रखे गए भवनों, संस्थानों, सड़कों आदि के नामों को संक्षिप्त रूप में बोलने के चलन पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे वह उद्देश्य बाधित हो रहा है जिसके लिए भवनों, संस्थानों, सड़कों आदि के नाम महापुरुषों के नाम पर रखे गए थे।
 
शून्यकाल में भारतीय जनता पार्टी की कविता पाटीदार ने यह मुद्दा उठाया। कविता ने कहा कि आने वाली पीढ़ी महापुरुषों के कार्यों से प्रेरणा ले, इसके लिए कई भवनों, संस्थानों, सड़कों का नाम महापुरुषों के नाम पर रखा गया है।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन आज नामों को संक्षिप्त रूप में बोलने के चलन के कारण डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल को आरएमएल, देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय को डीएवीवी, रवीन्द्रनाथ टैगोर मार्ग को आरएनटी मार्ग, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग को डीडीयू मार्ग तथा तात्या टोपे नगर को टीटी नगर कहा जाता है।
 
उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि टैक्सी चालक को अगर जगह का पूर्ण नाम बताया जाए तो वह समझ ही नहीं पाता लेकिन संक्षिप्त नाम बताने पर वह उस जगह पर पहुंचा देता है। उन्होंने महापुरुषों के नाम को पूरा बोलने, पढ़ने और लिखने का अनुरोध किया ताकि इसके उद्देश्य को पूरा किया जा सके और युवा पीढ़ी इनसे प्रेरणा लेकर देश का बेहतर भविष्य बना सके।
 
टीआरएस सदस्य के आर. सुरेश रेड्डी ने शून्यकाल में कहा कि 2022-23 के अकादमिक वर्ष के मध्य में सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति बंद किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे इन छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
 
उन्होंने कहा कि सरकार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' की बात कहती है और सरकार को यह समझना होगा कि अन्य पिछड़ा वर्ग भी समाज का हिस्सा हैं तथा छात्रवृत्ति इस वर्ग के छात्रों को स्कूल लाने, उन्हें पढ़ने तथा पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित करने में मददगार थी और इसे जारी रखना चाहिए।
 
भाजपा के डॉ. सिकंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की पांगी घाटी की सड़कों का मुद्दा उठाते कहा कि 40 बरस पहले वहां सड़कें बनाई गई थीं और आज तक वह वैसी ही हैं। उन्हें न तो पक्का किया गया, न चौड़ा किया गया। पांगी घाटी की सड़कों को पक्का और चौडा़ किया जाना चाहिए ताकि वहां के लोगों को आवागमन में दिक्कत न हो।
 
भाजपा के समीर उरांव ने झारखंड में कथित धर्मांतरण को लेकर एक युवक की हत्या करने, उसके शव के टुकड़े टुकड़े किए जाने का मुद्दा उठाते कहा कि राज्य की सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां बांग्लादेशी घुसपैठिए भी रह रहे हैं। तमिल मनीला कांग्रेस के जीके वासन तथा माकपा सदस्य वी. शिवदासन ने भी शून्यकाल के दौरान अपने-अपने मुद्दे उठाए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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