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Last Updated : बुधवार, 11 दिसंबर 2019 (15:52 IST)

Live : Citizenship Amendment Bill : नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश

Live : Citizenship Amendment Bill : नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश - Citizenship Amendment Bill  Rajya Sabha
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया, जबकि यह बिल लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। गृहमंत्री अमित शाह ने बिल पटल पर रखा। सदन में बिल पर चर्चा हो रही है। पल-पल का अपडेट-

बंगाल विरोधी विधेयक : तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ' ब्रायन ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में संग्राम तथा जनांदोलन किया जाएगा। यह महीना बंगालियों के लिए बड़ा पवित्र होता है।

इस पवित्र महीने में सरकार भारत और बंगाल विरोधी विधेयक लेकर आई है। अंडमान की जेल में बंद रहे क्रांतिकारियों में से 70 फीसदी बंगाली थे इसलिए सरकार बंगाल के लोगों को राष्ट्रभक्ति न सिखा। देश तानाशाही की ओर अग्रसर है।  
 
कोर्ट में दी जाएगी चुनौती : पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन विधेयक को पूरी तरह से असंवैधानिक बताते हुए कहा कि अब इस विधेयक को न्यायलय में चुनौती दी जाएगी तथा इस पर न्यायाधीश और वकील बहस के आधार पर फैसला करेंगे जो संसद के गाल पर तमाचा होगा।

भारत में नागरिकता को लेकर कानून है। इस देश में किस तरह से नागरिकता दी जाएगी इसका पूरा प्रावधान है लेकिन इस सरकार ने सिर्फ तीन देशों को एक समूह बनाकर वहां के अल्पसंख्यकों विशेषकर हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध और अहमदिया को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि श्रीलंका के हिन्दुओं और भूटान के ईसाई को इसमें क्यों शामिल नहीं किया गया है।

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने चर्चा के दौरान कहा कि यह विधेयक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह की सलाह पर लाया गया।

कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा- बिल संविधान की प्रस्तावना और लोकतंत्र के खिलाफ। उन्होंने कहा कि सरकार ‍इस बिल को अगले सत्र में क्यों नहीं लाई। शर्मा ने कहा- दो देशों की थ्योरी कांग्रेस की नहीं। 1937 में सावरकर ने दी थी टू नेशन थ्योरी। हिन्दू महासभा की बैठक में पास हुई थी यह थ्योरी।
 
उधर, भाजपा की बैठक में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नागरिकता विधेयक स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा, इससे धार्मिक उत्पीड़न से भागकर आए लोगों को स्थायी राहत मिलेगी।
 
अमित शाह ने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी।

शाह ने बिल पटल पर रखने के बाद कहा कि बिल से करोड़ों लोगों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। समाज के ये लोग सम्मान से अपनी परंपराओं का पालन कर सकेंगे।

शाह ने कहा कि बिल पास होने के बाद उपर्युक्त देशों से आए लोगों को यातना से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को उनका हक नहीं मिला।

गृहमंत्री ने हम पूर्वोत्तर के लोगों की चिंताओं का खयाल रखेंगे, साथ तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को संरक्षण देंगे।

उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान के 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक कहां गए? उन्होंने कहा कि मुस्लिम इस देश के नागरिक थे और रहेंगे। यह बिल उनके खिलाफ नहीं हैं।