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Last Updated : शनिवार, 13 अगस्त 2022 (23:49 IST)

चीन के जाल में फिर फंसा श्रीलंका, अब नहीं रुकेगा जासूसी जहाज, इस दिन पहुंचेगा हंबनटोटा पोर्ट

चीन के जाल में फिर फंसा श्रीलंका, अब नहीं रुकेगा जासूसी जहाज, इस दिन पहुंचेगा हंबनटोटा पोर्ट - Chinese Spy Ship Cleared To Dock At Lanka Port Amid Concerns In India
नई दिल्ली। भारत को एक बार फिर पड़ोसी देश से धोखा मिला है। श्रीलंका सरकार ने चीन के विवादित रिसर्च शिप को प्रवेश की अनुमति दे दी है। भारत ने चिंता जताई है कि यह जहाज उसके सैन्य प्रतिष्ठानों की जासूसी कर सकता है।

इंटरनेशनल शिपिंग और एनालिटिक्स साइट ने युआन वांग 5 को एक रिसर्च और सर्वे जहाज माना है, जबकि भारत के अनुसार ये दोहरे उपयोग वाला जासूसी जहाज है। भारत हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति और श्रीलंका में उसके प्रभाव को लेकर चिंता है।

श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूली चुंग ने भी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ मीटिंग में इस जासूसी जहाजो को लेकर चिंता जाहिर की थी। श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक विक्रमसिंघे ने उनकी चिंताओं और विरोध को लेकर चुंग के कारण को जनाना चाहा।

पेंटागन के मुताबिक युआन वांग 5 जासूसी जहाज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की स्ट्रेटजिक सपोर्ट फोर्स के द्वारा रन किया जाता है। ये जहाज टॉप-ऑफ-द-लाइन एंटेना और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लैस है जो मिसाइलों और रॉकेटों के लॉन्चिंग और निगरानी का समर्थन करते हैं।

16 अगस्त को पहुंचेगा : भारत को चिंता है कि इस जहाज का इस्तेमाल जासूसी के लिए हो सकता है। इसके चलते उसने श्रीलंका को अपनी चिंताओं से अवगत करवाया था। श्रीलंका ने एक बार अनुमति रद्द कर दी थी, लेकिन अब एक बार फिर से चीनी जासूसी जहाज को हंबनटोटा बंदरगाह पर आने की अनुमति दे दी गई है। श्रीलंका के हार्बर मास्टर निर्मल पी सिल्वा के मुताबिक इस जहाज को विदेश मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। यह जहाज 16 अगस्त से लेकर 22 अगस्त तक हंबनटोटा बंदरगाह पर रहेगा। इसके लिए इंतजाम किए जाने शुरू हो गए हैं।

जासूसी में हासिल है महारत : यूआन वांग 5 जहाज स्पेस और सैटेलाइट ट्रैकिंग में महारत हासिल है। चीन युआन वांग क्लास शिप के जरिए सैटेलाइट, रॉकेट और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानी ICBM की लॉन्चिंग को ट्रैक करता है। चीन के पास इस तरह के 7 शिप हैं, जो पूरे प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में काम करने में सक्षम हैं। ये शिप जासूसी कर बीजिंग के लैंड बेस्ड ट्रैकिंग स्टेशनों को पूरी जानकारी भेजते हैं।

नई दिल्ली में पिछले महीने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीनी जहाज की प्रस्तावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि अगस्त में हंबनटोटा बंदरगाह पर इस जहाज की प्रस्तावित यात्रा की खबरों की हमें जानकारी है। सरकार ऐसे किसी भी घटनाक्रम पर बहुत सावधानीपूर्वक नजर रखती है जिसका भारत के सुरक्षा एवं आर्थिक हितों पर असर हो सकता है । सरकार उन हितों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाती है।