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Last Updated : सोमवार, 29 जून 2020 (23:24 IST)

मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट के बीच प्रधानमंत्री से मिले मुख्यमंत्री शिवराज

मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट के बीच प्रधानमंत्री से मिले मुख्यमंत्री शिवराज - Chief Minister Shivraj Singh Chauhan meets Prime Minister Modi
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से उन्हें अवगत कराया।

सूत्रों के मुताबिक चौहान जल्द ही अपना मंत्रिमंडल विस्तार करने वाले हैं लेकिन इस बहुप्रतीक्षित विस्तार की तारीख को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। चौहान इस सिलसिले में केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के लिए रविवार को दिल्ली पहुंचे थे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश में भाजपा के संगठन महासचिव सुहास भगत भी उनके साथ दिल्ली पहुंचे।

चौहान ने अब तक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकात की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद चौहान ने एक बार फिर नड्डा से पार्टी मुख्यालय में मुलाकात की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संभावित मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए दोनों नेताओं ने चर्चा की।

नड्डा से मुलाकात के बाद चौहान बात किए बगैर मध्य प्रदेश भवन चले गए। मंगलवार सुबह उनके भोपाल के लिए रवाना होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, जिन्हें मध्यप्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, वह भी मंगलवार को भोपाल पहुंच सकती हैं। सोमवार को ही आनंदीबेन का भोपाल आने का कार्यक्रम था लेकिन वह स्थगित हो गया। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का लखनऊ में एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में 20 से 25 लोगों को शामिल किया जा सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मार्च माह में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नौ पूर्व विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री चौहान एक माह तक अकेले ही सरकार चलाते रहे। बाद में अप्रैल माह में उन्होंने पांच मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया था।

मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के राज्य विधानसभा से त्याग पत्र देने से कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार गिर गई थी और चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी थी। वे रिकॉर्ड चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने हैं। कांग्रेस के अधिकांश बागी विधायक, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं।

इस बीच, राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान चौहान ने प्रवासी मजदूरों के रोजगार और लॉकडाउन में राज्य की अर्थव्यस्था को मजबूती देने जैसे विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ जंग जीतने में राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया।

बयान में कहा गया, मार्च 2020 में मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से यह पहली मुलाकात थी।लगभग आधे घंटे चली इस मुलाकात के दौरान चौहान ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की ओर से प्रकाशित पुस्तकें 'उम्मीद' तथा 'मध्य प्रदेश : विकास के लिए प्रतिबद्ध प्रयास' भेंट की।

पुस्तक 'उम्मीद' में प्रवासी मजदूरों के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी है, वहीं दूसरी पुस्तक में चौहान के पहले सौ दिन के कार्यकाल में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों का विवरण है। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की।(भाषा) 
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