• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. CBSE in dilemma about conducting 12th exams twice a year, considering these 3 options
Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 17 जुलाई 2024 (19:20 IST)

12वीं के एग्जाम साल में 2 बार कराए जाने को लेकर दुविधा में CBSE, 3 ऑप्शन्स पर विचार

12वीं के एग्जाम साल में 2 बार कराए जाने को लेकर दुविधा में CBSE,  3 ऑप्शन्स पर विचार - CBSE in dilemma about conducting 12th exams twice a year, considering these 3 options
सीबीएसई (CBSE) नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) के तहत साल में 2 बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर दुविधा में है और इस बाबत 3 विकल्पों पर चर्चा कर रहा है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सेमेस्टर प्रणाली पर भी विचार कर रहा है जिसमें द्विवार्षिक परीक्षाएं शामिल हैं। वर्तमान में, कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं।
 
अधिकारियों ने बताया कि विचार-मंथन जारी है और अब तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया है कि वर्ष में 2 बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना कब और किस प्रारूप में लागू की जाएगी।
एक अधिकारी ने बताया कि तीन संभावित विकल्पों पर चर्चा की गई है, जिनमें से एक सेमेस्टर प्रणाली में परीक्षा आयोजित करना है। इसमें पहली बोर्ड परीक्षा जनवरी-फरवरी में और दूसरी मार्च-अप्रैल में आयोजित करना है या फिर कंपार्टमेंट या सुधार परीक्षाओं के साथ जून में बोर्ड परीक्षाओं का दूसरा चरण आयोजित किया जाए।”
 
उन्होंने बताया कि जिस तरह से हमारा शैक्षणिक कैलेंडर बनाया गया है, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं का कार्यक्रम और सीबीएसई स्कूल देश भर में और विदेश तक में होने के चलते भौगोलिक चुनौतियां हैं जिससे सेमेस्टर प्रणाली कम व्यवहार्य लगती है।
 
बोर्ड ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि मौजूदा व्यवस्था में कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के लिए 150 से अधिक कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कम से कम 310 दिन लगते हैं, जिसमें विद्यार्थियों की सूची भरना, केंद्र अधिसूचना, रोल नंबर जारी करना, प्रैक्टिकल आयोजित करना, लिखित परीक्षा, परिणाम घोषित करना, सत्यापन और पुनर्मूल्यांकन शामिल है। दो परीक्षाओं का आयोजन करने के लिए कम से कम 55 दिन की जरूरत है।
 
अब सीबीएसई के सामने चुनौती यह है कि दूसरे चरण के लिए यह व्यापक कवायद कब और कैसे दोहराई जाए। अधिकारी ने कहा कि फरवरी से पहले परीक्षाएं आयोजित करने में अपनी तरह की चुनौतियां हैं, क्योंकि कुछ राज्यों में सर्दियां बेहद कठिन होती हैं। वर्तमान में बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी के आसपास शुरू होती हैं, इसलिए पर्याप्त अंतराल रखने के लिए तिथियों पर भी उसी के अनुसार काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि दूसरा विकल्प कंपार्मेंट या सुधार परीक्षा के साथ जून में परीक्षा का दूसरा चरण आयोजित करना हो सकता है। हालांकि, इनमें से कोई भी विकल्प अंतिम नहीं है। हम अब भी विचार-विमर्श कर रहे हैं और व्यापक परामर्श जारी है। यह संभव है कि प्रक्रिया के दौरान और भी विकल्प सामने आएं।
 
मंत्रालय की योजना 2024-25 शैक्षणिक सत्र से वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने की थी। हालांकि, इसे एक साल के लिए टाल दिया गया है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा तैयार की गई नई एनसीएफ में कक्षा 11 वीं और 12वीं के छात्रों के लिए एक सेमेस्टर प्रणाली का प्रस्ताव रखा गया है।
 
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले अक्टूबर में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में बताया था कि छात्रों के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा। इनपुट भाषा
ये भी पढ़ें
देश में ऐतिहासिक बेरोजगारी, प्रियंका गांधी ने साधा मोदी पर निशाना