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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : गुरुवार, 15 अगस्त 2019 (11:41 IST)

क्या बिपिन रावत को मिल सकती है तीनों सेनाओं की कमान?

क्या बिपिन रावत को मिल सकती है तीनों सेनाओं की कमान? - Can Bipin Rawat be first CDS of India
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है कि जल्द तीनों सेनाओं चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएस) का पद बनाया जाएगा। इसकी लंबे समय से जरूरत भी महसूस की जा रही थी। चूंकि अभी तीनों सेनाओं के अलग-अलग मुखिया होते हैं, लेकिन आने वाले समय तीनों सेनाओं का प्रमुख एक ही व्यक्ति होगा। इस पद पर कौन बैठेगा इसको लेकर अभी से अटकलें लगना भी शुरू हो गया है। 
 
इस बारे मोदी के अपने तर्क हैं। उनका कहना है कि बदलती सैन्य जरूरतों को देखते हुए यह पद जरूरी है। इसे देखते हए जल्दी ही यह व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे तीनों सेनाओं को शीर्ष स्तर और एक नेतृत्व मिलेगा जिसके नीचे तीनों सेना मिलकर अभियानों को अंजाम देंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे तीनों सेनाओं में तालमेल बढ़ेगा और वे सफलतापूर्वक रक्षा तैयारियां को पुख्ता कर सकेंगी।
 
मोदी की इस घोषणा के बाद लोगों ने अनुमान लगाना भी शुरू कर दिया है कि यह महत्वपूर्ण पद किसे मिल सकता है। चर्चाओं में इस पद के लिए सबसे बड़े दावेदार के रूप में जनरल बिपिन रावत का नाम सामने आ रहा है। सेना के नियम के अनुसार जनरल ‍रावत का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने जा रहा है। क्योंकि उन्हें इस पद पर 3 साल पूरे हो जाएंगे। नियमानुसार कोई भी व्यक्ति सेनाध्यक्ष के पद पर 3 साल या 62 वर्ष की उम्र तक बना रह सकता है। रावत का 3 साल का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो जाएगा। 
 
सेना ने जनरल रावत के नेतृत्व में जिस तरह सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम दिया गया और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाए और उनका खात्मा किया, उससे देश में रावत की अलग ही छवि बनी है। बताया जाता है कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र की 'गुड बुक' में भी शामिल है। अत: सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें तीनों सेनाओं का मुखिया बनाया जा सकता है।
 
इस बात को इससे भी बल मिलता है कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का कार्यकाल बढ़ाकर उन्हें इनाम दे दिया है। सर्जिकल और एयर स्ट्राइक्स में उनका भी अहम योगदान रहा है। डोभाल और रावत की जोड़ी ने 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर के हालात को भी अच्छे से संभाला है। अत: कोई आश्चर्य नहीं कि आने वाले समय में जनरल रावत तीनों सेनाओं का नेतृत्व करें।
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