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Last Updated : मंगलवार, 7 जून 2016 (17:51 IST)

कॉलड्राप : ट्राई ने दूरसंचार ऑपरेटरों से तकनीक का ब्यौरा मांगा

Call drop
नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई दूरसंचार आपरेटरों से रेडियो लिंक टाइमआउट प्रौद्योगिकी का ब्यौरा मांगेगा। इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कथित तौर पर कॉलड्राप को छुपाने के लिए किया जा रहा है परिणामस्वरूप ग्राहकों को ऊंचा बिल चुकाना पड़ रहा है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आर.एस. शर्मा ने यहां इंडिया सैटकॉम कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, 'कोई भी जांच बिठाने से पहले हम दूरसंचार आपरेटरों से रेडियो लिंक टैक्नालॉजी (आरएलटी) का ब्यौरा मांगेंगे। यह ब्यौरा उन मानदंडों के दायरे में मांगा जाएगा जो कि यहां अपनाए जा रहे हैं और ऐसे मानदंड जो कि पिछले एक साल के दौरान अपनाए जाते रहे हैं।’
 
ट्राई द्वारा दिल्ली में किए गए ताजा परीक्षण के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल नेटवर्क आधारित गुणवत्ता पूर्ण सेवाओं के सभी मानदंडों पर असफल साबित हुई।
 
दिल्ली की परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार एयरसेल और वोडाफोन दूसरी दूरसंचार कंपनियों के मुकाबले आरएलटी का अधिक इस्तेमाल कर रहीं हैं। आरएलटी यानी रेडियो लिंक टाइमआउट एक ऐसा मानदंड है, जिसमें यह तय किया जाता है कि सिगनल गुणवत्ता के एक सीमा से ज्यादा कमजोर पड़ जाने के बावजूद कितने समय तक कॉल को बरकरार रखा जा सकता है।
 
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार कुछ दूरसंचार ऑपरेटर इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कॉलड्राप को छुपाने के लिए कर रहे हैं जिससे कि ग्राहकों को अधिक बिल का बोझ उठाना पड़ता है।
 
शर्मा ने कहा, 'आज हैदराबाद और भोपाल की परीक्षण रिपोर्ट को जनता के समक्ष रखा जाएगा।’ उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें कालड्राप के लिए दूरसंचार कंपनियों को ग्राहकों को एक रुपए प्रति कॉल और एक दिन में अधिकतम तीन रपए के हिसाब से मुआवजा देने का नियम रखा गया था।
 
वर्तमान में दूरसंचार कंपनियों और ग्राहकों के बीच के विवाद को उपभोक्ता अदालतों में नहीं लिया जाता है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के 2009 के एक फैसले के तहत ग्राहकों को उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत इस तरह के राहत से अलग रखा गया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि इसके लिए भारतीय टेलिग्राफ कानून में विशेष प्रकार का समाधान दिया गया है।
 
राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2012 में उपभोक्ता और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के बीच विवाद को उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत स्थापित उपभोक्ता मंचों के तहत लाने के लिए विधाई उपाय करने को कहा गया है। बहरहाल, कॉल ड्राप की समस्या से चिंतित ट्राई ने गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरने वाली दूरसंचार कंपनियों को दंडित करने के लिए  उसे और अधिकार दिए जाने की मांग की है।
 
दूरसंचार सचिव जे.एस. दीपक ने हालांकि, कहा है कि अधिक अधिकार दिए  जाने के बारे में ट्राई से कोई संदेश उन्हें अभी तक नहीं मिला है। (भाषा)