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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 9 जनवरी 2025 (17:24 IST)

सोने के आयात की गणना में किया सुधार, जानिए किस कारण हुई थी गलती

सोने के आयात की गणना में किया सुधार, जानिए किस कारण हुई थी गलती - calculation of gold imports was revised
Gold Imports News : सोने के आयात आंकड़ों की सुव्यवस्थित रिपोर्टिंग के लिए एसईजेड डेटा को एनएसडीएल सॉफ्टवेयर से आइसगेट तंत्र में स्थानांतरित करने की सरकार की पहल के कारण पीली धातु के आयात की दोहरी गणना हुई, जिससे आंकड़े बढ़े हुए आए थे। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अब इस समस्या को काफी हद तक ठीक कर लिया गया है। सुधार के कारण, वाणिज्य मंत्रालय ने नवंबर के लिए सोने के आयात के आंकड़ों को पांच अरब डॉलर घटाकर 9.84 अरब डॉलर कर दिया है और चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के लिए आयात के आंकड़ों को 11.7 अरब डॉलर घटाकर 37.38 अरब डॉलर कर दिया है।
 
संशोधन से व्यापार घाटे (आयात और निर्यात के बीच अंतर) की वास्तविक तस्वीर सामने आई है, जो पहले बहुत अधिक दिख रहा था। नवंबर के घाटे को अब 37.84 अरब डॉलर से घटाकर लगभग 32.8 अरब डॉलर कर दिया जाएगा। इसी तरह, कुल आयात संख्या में भी संशोधन होगा।
सुधार के कारण, वाणिज्य मंत्रालय ने नवंबर के लिए सोने के आयात के आंकड़ों को पांच अरब डॉलर घटाकर 9.84 अरब डॉलर कर दिया है और चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के लिए आयात के आंकड़ों को 11.7 अरब डॉलर घटाकर 37.38 अरब डॉलर कर दिया है।
 
यह दोहरी गणना इसलिए हुई क्योंकि देश में आयात और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) से घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) को दी जाने वाली मंजूरी की गणना तकनीकी गड़बड़ियों के कारण दो बार हो गई। सूत्रों ने बताया कि एनएसडीएल के आइसगेट में स्थानांतरण के कारण हुई दोहरी गणना को अब काफी हद तक ठीक कर लिया गया है, लेकिन स्थानांतरण अब भी जारी है।
उन्होंने कहा, आंकड़ों में सुधार और संशोधन दुनियाभर में सांख्यिकी ढांचे का अभिन्न अंग है। डेटा संकलन एक जटिल प्रक्रिया है क्योंकि इसमें 500 से अधिक स्थानों से डेटा एकत्र करना शामिल है और हर दिन 2.5 लाख से अधिक लेनदेन होते हैं। उन्होंने कहा, डेटा में संशोधन और सुधार होते रहते हैं। यह सांख्यिकी की एक सामान्य गतिविधि है।
 
निर्यात और आयात मुख्य रूप से दो जगहों-हवाई अड्डे और बंदरगाह से होते हैं। एसईजेड की संख्या पहले अलग से (एनएसडीएल प्रणाली पर) गिनी जाती थी क्योंकि सीमा शुल्क से संबंधित प्रावधानों के अनुसार इन क्षेत्रों को विदेशी संस्थाओं के रूप में माना जाता है। डेटा को पिछले साल मई में एनएसडीएल से आइसगेट में स्थानांतरित करने का फैसला किया गया था।
भारत की व्यापार डेटा संकलन प्रक्रिया निर्यातकों और आयातकों द्वारा सीमा शुल्क पर इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज (ईडीआई) प्रणाली के माध्यम से माल ढुलाई बिल (निर्यात के लिए) और प्रवेश रसीद (आयात के लिए) दाखिल करने से शुरू होती है। सारा डेटा आइसगेट के सर्वर पर आता है।
 
भारतीय सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक गेटवे (आइसगेट) केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के भारतीय सीमा शुल्क का राष्ट्रीय पोर्टल है जो व्यापार, माल वाहक और अन्य व्यापारिक साझेदारों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ई-फाइलिंग सेवाएं प्रदान करता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour