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Last Updated : शनिवार, 9 नवंबर 2024 (16:39 IST)

कोविड घोटाले में पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा पर चलेगा मुकदमा

एसआईटी और कैबिनेट उपसमिति गठित करने का फैसला

कोविड घोटाले में पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा पर चलेगा मुकदमा - BS Yeddyurappa will be prosecuted in Covid scam
Case against Yeddyurappa: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शनिवार को बेंगलुरु में कहा कि न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा जांच आयोग ने कोविड-19 (COVID-19) महामारी के दौरान उपकरणों एवं दवाओं की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच की है और प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) तथा पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की है।
 
राव ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कोविड-19 के दौरान उपकरणों एवं दवाओं की खरीद में लूट-खसोट हुई थी। मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट कांग्रेस के इस आरोप को साबित करती है कि तत्कालीन सरकार ने स्थिति का दुरुपयोग करते हुए मृतकों के नाम पर पैसा बनाया।
 
तत्कालीन सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया : राव ने कहा कि कुछ खामियां थीं। महामारी के दौरान कोई भी उनसे सवाल नहीं कर सकता था। उस स्थिति का फायदा उठाते हुए तत्कालीन सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया और लूट-खसोट की तथा अपने लिए सुविधाजनक फैसले किए। तब विपक्षी दल के रूप में हमने (कांग्रेस) इस मुद्दे को उजागर करने की कोशिश की। राज्य में सत्ता में आने के बाद हमने जांच कराने और रिपोर्ट सौंपने के लिए एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया।ALSO READ: दारुल उलूम में महिलाओं के प्रवेश पर से पाबंदी हटी, संस्थान में कर सकेंगी प्रवेश
 
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है और दूसरी रिपोर्ट छह-सात महीने में सौंपी जा सकती है, क्योंकि बहुत सारे दस्तावेजों की जांच करनी होगी। राव ने कहा कि गठित की गई कैबिनेट उपसमिति ने रिपोर्ट पर चर्चा की है और यह सच है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्रीरामुलु का सीधे तौर पर नाम लिया गया है। पीपीई किट की खरीद में लगभग 14 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसे नियमों का उल्लंघन कर अधिक कीमत पर खरीदा गया था। देश में इनकी उपलब्धता होने के बावजूद इन्हें चीन-हांगकांग से खरीदा गया था।
 
उन्होंने रिपोर्ट में लगाए गए गंभीर आरोपों का हवाला देते हुए येदियुरप्पा और श्रीरामुलु को 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के प्रचार से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि जांच के दौरान श्रीरामुलु के बाद स्वास्थ्य मंत्री का पद संभालने वाले व्यक्ति के खिलाफ आरोप सामने आ सकते हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट 31 अगस्त को न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा द्वारा सौंपी गई थी।
 
एसआईटी और कैबिनेट उपसमिति गठित करने का फैसला : सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए पिछले महीने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) और एक कैबिनेट उपसमिति गठित करने का फैसला किया था। इसके बाद, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के नेतृत्व में सात सदस्ईय कैबिनेट उपसमिति गठित की।ALSO READ: महंगा पड़ा भाजपा प्रत्याशी से सवाल, समर्थकों ने रैली से निकाला
 
गृहमंत्री जी परमेश्वर, कानून मंत्री एच के पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, ग्रामीण विकास मंत्री प्रियंक खरगे, श्रम मंत्री संतोष लाड और चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल समिति के सदस्य हैं। रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीपीई किट सौदे में निर्धारित शर्तें नियमों का उल्लंघन थीं, कंपनियों के पक्ष में थीं जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 14 करोड़ रुपए अधिक का भुगतान किया गया।ALSO READ: NCP विधायक टिंगरे का स्पष्टीकरण, मैंने शरद पवार को नहीं भेजा कोई कानूनी नोटिस
 
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में येदियुरप्पा एवं श्रीरामुलु के खिलाफ कार्रवाई और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार का 'राजनीतिक प्रतिशोध' का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि उक्त सिफारिश के बाद, कैबिनेट उपसमिति की एक बैठक हुई और उपचुनाव खत्म होने के बाद एक और बैठक आयोजित की जाएगी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta