भाजपा में मुखर होती नाराजगी, टिकट कटने पर चूरू सांसद ने लिखा, मेरा कसूर क्या है...
Churu MP Rahul Kasban News: आगामी लोकसभा चुनाव में 400 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा में अब नाराजगी के स्वर मुखर होने लगे हैं। भाजपा सांसद राहुल कस्वां ने पार्टी द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उनकी सीट चूरू से दूसरा प्रत्याशी उतारे जाने की घोषणा के बाद सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा- आखिर मेरा गुनाह क्या था...?
भाजपा ने चुरू सीट नए चेहरे देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया है। झाझड़िया पैरालंपिक में दो बार स्वर्ण तथा एक बार रजत पदक जीत चुके हैं। दूसरी बार के सांसद कस्वां ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा- आखिर मेरा गुनाह क्या था...? क्या मैं ईमानदार नहीं था? क्या मैं मेहनती नहीं था? क्या मैं निष्ठावान नहीं था? क्या मैं दागदार था? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी?
और क्या चाहिए था? : कस्वां ने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था। और क्या चाहिए था? जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा, सभी निरुत्तर और निशब्द रहे। कोई इसका उत्तर नहीं दे पा रहा। शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं...।
राजनीतिक गलियारों में कस्वां की इस टिप्पणी को अपनी टिकट कटने पर 'नाराजगी' के रूप में देखा जा रहा है। राहुल कस्वां के पिता रामसिंह चूरू से भाजपा के सांसद और विधायक रह चुके हैं। राहुल की मां कमला कस्वां भी सादुलपुर से भाजपा की विधायक रह चुकी हैं।
भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान की 25 में से 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की शनिवार को घोषणा कर दी, जिनमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ 4 केंद्रीय मंत्रियों के नाम शामिल हैं। पार्टी ने जिन मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं उनमें राहुल कस्वां (चूरू), रंजीता कोली (भरतपुर), देवजी पटेल (जालौर), अर्जुन लाल मीणा (उदयपुर) और कनकमल कटारा (बांसवाड़ा) शामिल हैं।
इन्होंने टिकट लौटाए : भाजपा को दो मामलों में किरकिरी का सामना भी करना पड़ा। आसनसोल से घोषित किए गए उम्मीदवार और भोजपुरी गायक-अभिनेता पवन ने लोकसभा का टिकट लौटा दिया। हालांकि उन्होंने टिकट क्यों लौटाया इसका कारण सामने नहीं आया। दूसरे ओर, बाराबंकी से सांसद उपेन्द्र सिंह रावत ने भी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। रावत का अश्लील वीडियो सामने आने के बाद उन्होंने यह कहकर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया कि जब तक वे निर्दोष साबित नहीं हो जाते कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
लक्ष्य मुश्किल : इसमें कोई संदेह नहीं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुमत तो भाजपा को ही मिलने जा रहा है, लेकिन पार्टी ने जो 370 सीटों का लक्ष्य तय किया है, उसे हासिल करना मुश्किल है। वहीं पार्टी ने एनडीए के लिए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। (वेबदुनिया/एजेंसी)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala