आमतौर पर माना जाता है कि भारी बारिश से आने वाली बाढ़ में गांव और गरीब लोग ही प्रभावित होते हैं। टीवी पर अब तक बाढ़ के जो दृश्य हम देखते आए हैं, उनमें गरीब लोग और उनके जानवर ही डूबते और पलायन करते नजर आते हैं, लेकिन अब दृश्य बदल गए हैं।
बेंगलुरु जैसे शहर में आई बाढ़ से यहां के पॉश इलाकों में बड़ी- बड़ी विलाएं डूब रही हैं। इनके सामने खड़ी ऑडी और मर्सिडीज जैसी कारें पानी में तैरती नजर आ रही हैं। आलम यह है कि पानी निकालने के लिए वॉटर पंपों की बिक्री बढ़ गई है।
दरअसल, बेंगलुरु में व्हाइटफील्ड इलाका सबसे ज्यादा पॉश जगह मानी जाती है। लेकिन यहां के लोग अपनी विलाएं और बंगलो छोड़कर सुरक्षित स्थानों के लिए निकल रहे हैं। ऑडीज और मर्सिडीज में घूमने वाले ट्रैक्टरों का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपना जरूरी सामान ढोकर सुरक्षित बाहर निकल सकें।
बेंगलुरु में रहने वाली
देवश्री मिरजकर ने
वेबदुनिया को बताया कि हालात बहुत खराब हैं। इतनी बारिश कभी नहीं देखी। इंफ्रास्ट्रक्चर खराब होने की वजह से घरों में पानी जमा हो रहा है। आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। देवश्री ने बताया कि एहतियात के तौर पर बच्चों के स्कूल की छुट्टी दो घंटे पहले हो रही है। वहीं, कई स्कूली बसें बच्चों को लेने के लिए स्कूल नहीं पहुंच पा रही हैं, जिसके चलते ज्यादातर जगहों पर ऑनलाइन स्टीडज चल रही है।
व्हाइटफील्ड हुआ पानी-पानी
जॉब के सिलसिले में बेंगलुरु में रह रहे
नीरज गोगटे ने
वेबदुनिया को बताया निचली बस्तियों में इस तरह पानी जमा हो तो समझ में भी आता है, लेकिन यहां के कई पॉश और महंगे इलाकों में पानी भर गया है। व्हाइटफील्ड जैसी जगह में जमीन की कीमत ही 8 करोड़ से ज्यादा आंकी जाती है। यहां तक पानी में महंगी कारें और घर डूब गए हैं।
महानगर पालिका की नाकामी
रौनक ठाकुर ने बताया कि यहां महानगर पालिका ने कभी ठीक से काम नहीं किया, यहां ज्यादातर जगहों में बैसमेंट पार्किंग है, यानी जमीन के समतल से नीचे बनी हुई पार्किंग, जिसकी वजह से पानी जमा हो रहा है। दूसरी तरफ निकासी की व्यवस्था नहीं है।
बेंगलुरु या वेनिस...
यहां के लोकल अखबारों में बेंगलुरु की तुलना वेनिस से की जा रही है। क्योंकि यह शहर तालाब पर तैरता हुआ नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में तो नेटिजन्स ने बेंगलुरु को सिटी ऑफ लेक घोषित कर दिया है, क्योंकि यहां के ज्यादातर इलाके तालाबों में तब्दील हो गए हैं। राहत कार्य के लिए यहां प्रशासन ने टोल फ्री नंबर जारी किए हैं।
मुंबई की तरह हाईराइज इमारतें नहीं
बता दें कि बंगलुरु में मुंबई की तुलना में हाईराइज इमारतें कम हैं, क्योंकि यहां जमीन ज्यादा है, मुंबई की तरह जमीन की कमी नहीं है, ऐसे में ज्यादातर इलाकों में और घरों में पानी घुस गया है। जानकारी के मुताबिक यहां 7, 8 और 9 मंजिल तक ही इमारतें हैं।
रेस्क्यू के लिए नाव-ट्रैक्टर का सहारा
पिछले एक हफ्ते से हो रही लगातार बारिश के चलते कई पॉश इलाकों में भी इतना पानी भर गया है कि लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नाव चलानी पड़ रही हैं। बाढ़ के चलते शहर के बेलंदुर, सरजापुरा रोड, व्हाइटफील्ड, आउटर रिंग रोड और बीईएमएल लेआउट जैसे इलाकों में सड़कें लबालब हो चुकी हैं। बेंगलुरु के एयरपोर्ट पर भी पानी भर गया है। वहीं व्हाइटफील्ड रोड पर एक बस पानी में फंस गई, जिसे लोगों ने रस्सी से खींचकर निकाला। कई लोगों ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधा है।