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Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: बुधवार, 6 फ़रवरी 2019 (23:36 IST)

शहीद औरंगजेब की हत्या के मामले में सेना के तीन जवान हिरासत में, हो सकता है बड़ा खुलासा

शहीद औरंगजेब की हत्या के मामले में सेना के तीन जवान हिरासत में, हो सकता है बड़ा खुलासा - army detains three rr men over killing of soldier aurangzeb
जम्मू। क्या शौर्य चक्र से सम्मानित किए गए शहादत पाने वाले सेना के राइफलमेन औरंगजेब की हत्या के लिए उसके ही तीन फौजी साथी दोषी थे। इस गुत्थी को सुलझाने की खातिर कश्मीर में सेना के जवान औरंगजेब की अपहरण के बाद हत्या के मामले में जांच कर रही पुलिस ने तीन फौजियों को हिरासत में लिया है।
 
सूत्रों के अनुसार तो इन जवानों ने आतंकियों के लिए मुखबिरी की थी। इसके बाद छुट्टी पर घर जा रहे औरंगजेब की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस का कहना है कि वह अभी राष्ट्रीय राइफल्स के दो जवानों से पूछताछ कर रही है। कश्मीर में यह पहला मौका है जब किसी सेना के जवान पर यह प्रश्नचिन्ह लग रहा है कि उसने आतंकियों के लिए मुखबिरी की हो।
 
पिछले वर्ष जून 2018 में ईद से पहले सेना की 44 आरआर के राइफलमैन औरंगजेब छुट्टियों पर पुंछ अपने घर जा रहे थे। इस दौरान आतंकियों ने पुलवामा और शोपियां के रास्ते में उन्हें निजी टैक्सी से अगवा कर लिया था। कलमपोरा से करीब 15 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में अगले दिन औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव मिला था।
 
औरंगजेब की शहादत के बाद ही इस मामले की जांच के दौरान हनी ट्रैप और भीतरीघात की बात सामने आई थी। इसके बाद सेना ने 44 आरआर से जुड़े कुछ स्थानीय सैन्यकर्मियों की गतिविधियों की निगरानी शुरू की और तीन से चार सैन्यकर्मियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। यह मामला लगभग दब चुका था, लेकिन गत रविवार को अचगूजा पुलवामा के रहने वाले एक युवक तौसीफ अहमद वानी को मेजर शुक्ला द्वारा पूछताछ के दौरान कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के बाद फिर सुर्खियों में आ गया।
 
औरंगजेब के अपहरण व उसकी हत्या से जुड़े मामले में हिरासत में लिए गए तीन सैन्यकर्मियों के नाम तजामुल अहमद, आदिल वानी और आबिद वानी बताए जाते हैं। तीनों कश्मीर के नागरिक हैं और दो जिला पुलवामा के और एक कुलगाम का रहने वाला बताया जाता है।
 
शहीद औरंगजेब को बीते साल मरणोपरांत शौर्य चक्र भी प्रदान किया गया था। औरंगजेब 44 आरआर के मेजर शुक्ला के नेतृत्व वाले क्यूएटी दस्ते के सदस्य था। इस दस्ते ने कई नामी आतंकियों को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी अदम्य वीरता के लिए गढ़वाल रायफल्स के मेजर आदित्य कुमार और राष्ट्रीय रायफल के रायफलमैन शहीद औरंगजेब को शौर्य चक्र से सम्मानित भी किया गया। हर साल देश के प्रति अदम्य वीरता और साहस का प्रदर्शन करने वाले जवानों को सम्मानित किया जाता है।
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