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Last Updated : शनिवार, 28 मई 2022 (12:24 IST)

कोरोना-मंकीपॉक्स के बाद अब 'टोमैटो फ्लू' ने बढ़ाई चिंता, जानिए इसके लक्षण और उपचार

कोरोना-मंकीपॉक्स के बाद अब 'टोमैटो फ्लू' ने बढ़ाई चिंता, जानिए इस लक्षण और उपचार After corona-monkeypox, now 'tomato flu' has increased concern, know its symptoms and treatment - After corona-monkeypox, now 'tomato flu' has increased concern, know its symptoms and treatment
Photo - Twitter
नई दिल्ली। कोविड और मंकीपॉक्स के बीच अब एक और नई बीमारी ने सिर उठा लिया है। केरल, ओडिशा जैसे दक्षिण भारत के  राज्यों में टोमैटो फ्लू के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। पिछले तीन हफ्तों केरल में 82 और ओडिशा में 26 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु में भी इसका खतरा बना हुआ है । आइए जानते है क्या है टोमैटो फ्लू और क्या हैं इसके लक्षण और बचाव। .... 
 
टोमैटो फ्लू क्या है -
 
टोमैटो फ्लू एक तरह की वायरल बीमारी है जिसके कारण शरीर के कई हिस्सों पर दाने, त्वचा पर जलन और बच्चों में डीहाइड्रेशन की समस्याएं होती हैं। मंकीपॉक्स की तरह ही इस बीमारी का खतरा भी 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा होता है। इस दौरान बच्चों के शरीर पर उभरे हुए दाने टमाटर की तरह लाल हो जाते है इसलिए विश्व स्वास्थ संगठन ने इस वायरल बुखार को टोमैटो फ्लू का नाम दिया है। 
 
टोमैटो फ्लू होने के कारण - 
 
टोमैटो फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। चेचक आदि की तरह यह भी संक्रमित व्यक्ति को छूने से फैलती है। अभी तक इस बीमारी से किसी व्यक्ति की जान नहीं गई है। लेकिन फिर भी अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित है, तो आप कृपया उससे दूरी बनाए रखें। खासकर बच्चों को टोमैटो फ्लू संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए से बचाएं। 
 
टोमैटो फ्लू के लक्षण -
 
1. तेज बुखार
2. चकत्ते/दाने 
3. त्वचा पर जलन व रूखापन
4. डीहाइड्रेशन
5. शरीर में दर्द 
6. जोड़ों में सूजन
7. पेट में ऐठन होना 
8. थकान बने रहना आदि। 
 
टोमैटो फ्लू का क्या इलाज है ? 
 
फिलहाल टोमैटो फ्लू का कोई औपचारिक उपचार खोजा नहीं गया है। इस बीमारी के लक्षणों को देखकर ही डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है। लेकिन, अगर आप या आपके परिवार में कोई इस बीमारी के संपर्क में आ जाता है तो कुछ जरूरी सावधानियां रखी जा सकती है। जैसे - आस पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखना, रोगी के शरीर में पानी की कमी न होने देना, उसे किसी के साथ सीधे संपर्क में न आने देना, फलों का जूस आदि पिलाते रहना आदि।   
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