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Last Modified: शनिवार, 7 अगस्त 2021 (17:55 IST)

मानसून सत्र के तीसरे सप्ताह राज्यसभा में 8 विधेयक पारित, सदन की उत्पादकता बढ़ी

मानसून सत्र के तीसरे सप्ताह राज्यसभा में 8 विधेयक पारित, सदन की उत्पादकता बढ़ी - 8 bills passed in Rajya Sabha in third week of monsoon session
नई दिल्ली। संसद के मौजूदा मानसून सत्र के तीसरे हफ्ते में 8 विधेयकों के पारित होने से सदन की उत्पादकता बढ़कर 24.2 प्रतिशत करने में मदद मिली है।

राज्यसभा के अनुसंधान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले हफ्ते (सत्र के दूसरे हफ्ते) उत्पादकता 13.70 प्रतिशत थी, जबकि सत्र के पहले हफ्ते उच्च सदन की उत्पादकता सबसे अधिक 32.20 प्रतिशत रही थी। राज्यसभा के अधिकारी ने बताया कि मानसून सत्र के शुरुआती तीन सप्ताह में उच्च सदन की कुल उत्पादकता 22.60 प्रतिशत रही।

उल्लेखनीय है कि 19 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से उच्च सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। विपक्षी सदस्य पेगासस जासूसी कांड और किसानों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सप्ताह 17 दलों के 68 सदस्यों ने विधेयकों को पारित करने से पहले चर्चा में हिस्सा लिया। विधेयकों पर हुई चर्चा में अन्नाद्रमुक, आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल (बीजद), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), द्रमुक, जनता दल यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), आरपीआई, शिवसेना, तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा), टीएमसी (मूपनार), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने हिस्सा लिया।

नामांकित सदस्यों और इन 17 दलों के कुल सदस्यों की संख्या राज्यसभा के मौजदा संख्याबल का 87 प्रतिशत है। अधिकारियों ने रेखांकित किया कि पेगासस विवाद और किसानों के मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रही तृणमूल कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों की संख्या सदन के संख्याबल के लिहाज से छह प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने बताया कि सदन ने तीन घंटे और 25 मिनट इन विधेयकों को पारित करने में लिया।
अधिकारियों ने बताया कि इस सप्ताह राज्यसभा की कार्रवाई के लिए निर्धारित कुल 28 घंटे 30 मिनट में एक घंटे 41 मिनट का समय प्रश्नकाल पर व्यय हुआ, जिसमें 17 तारांकित सवाल पूछे गए। उन्होंने बताया कि इस हफ्ते हंगामे की वजह से 21 घंटे 36 मिनट का समय बर्बाद हुआ। आंकड़ों के मुताबिक, मानसून सत्र शुरू होने से अब तक कुल 78 घंटे 30 मिनट के समय में 60 घंटे 28 मिनट हंगामे की वजह से बर्बाद हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि गत तीन सप्ताह के दौरान सदन में कुल 17 घंटे 44 मिनट काम हुआ है, जिनमें से चार घंटे 49 मिनट सरकारी विधेयकों पर व्यय हुआ, तीन घंटे 19 मिनट प्रश्नकाल में व्यय हुए और चार घंटे 37 मिनट में कोविड-19 संबंधी मुद्दों पर संक्षिप्त चर्चा हुई।(भाषा)