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Last Modified: मंगलवार, 22 मार्च 2022 (11:01 IST)

126 वर्षीय योग गुरु शिवानंद बाबा ने PM मोदी को किया नंदी मुद्रा में प्रणाम, पद्म अलंकरण समारोह में अद्‍भुत नजारा

126 वर्षीय योग गुरु शिवानंद बाबा ने PM मोदी को किया नंदी मुद्रा में प्रणाम, पद्म अलंकरण समारोह में अद्‍भुत नजारा - 126 year old yoga guru shivanand baba from varanasi honored with padmashri watch video
नई दिल्ली। सोमवार को पद्म अलंकरण समारोह में कुछ ऐसा हुआ जो बीते 68 वर्षों में राष्ट्रपति भवन में कभी नहीं हुआ था। काशी के 126 वर्षीय बाबा शिवानंद की सादगी और देश के प्रति अगाध श्रद्धा मिसाल बन गई। पद्मश्री के लिए नाम की उद्घोषणा होने से लेकर राष्ट्रपति के आसन तक पहुंचने के बीच बाबा शिवानंद ने तीन बार नंदीवत प्रणाम किया।

अपनी कुर्सी से उठने के बाद बाबा 6 कदम चले और सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने पहुंचे। योगासन की नंदी मुद्रा में उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रणाम किया। स्वयं से उम्र में कहीं बड़े व्यक्ति को अपने सामने यूं झुकते देख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी झुककर उन्हें प्रणाम किया।

प्रधानमंत्री की आसपास की कुर्सियों पर बैठे अन्य विशिष्टजन भी अपनी जगह पर खड़े हो गए। पीछे की कुर्सियों पर बैठे विशिष्टजन अपनी जगह पर खड़े होकर अचरज भरे भाव से यह देखने लगे। यह नजारा देख पूरा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। प्रधानमंत्री के सामने झुक कर प्रणाम करने के बाद तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बाबा चार कदम आगे रेड कार्पेट पर पहुंचे। वहां बाबा शिवानंद पुन: नंदीवत हुए।
यह प्रणाम भारत के स्वाभिमान के प्रतीक राष्ट्रपति के लिए था। इस प्रणाम के बाद तालियों की गड़गड़ाहट, गर्जना में बदल गई। अपने आप में खोए बाबा शिवानंद यहां से 12 कदम और चले। राष्ट्रपति के आसन के सामने बनी तीन सीढ़ियों में दूसरी पर चढ़ते ही बाबा ने भारत के प्रथम नागरिक को तीसरा नंदीवत प्रणाम किया। उन्हें ऐसा करते देख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने आसन से उठे।

एक सीढ़ी उतरे और झुक कर बाबा शिवानंद की बांह पकड़ कर उठाया। उन्हें पद्मश्री अलंकरण भेंट करते हुए उनका सम्मान किया और उनसे कुछ देर बातचीत भी की। 126 साल के योगगुरु नंगे पाव सम्मान लेने के लिए पहुंचे थे।
 
कौन हैं योगगुरु बाबा शिवानंद : बाबा शिवानंद का जन्म साल 1896 में हुआ था। बाबा शिवानंद बंगाल से काशी पहुंचे। गुरु ओंकारानंद से शिक्षा लेने के बाद वे योग और धर्म में बड़े प्रकांड पुरुष साबित हुए। बताया जाता है कि एक महीने के अंदर बाबा शिवानंद की बहन, मां और पिता की मौत हो गई थी।

उन्होंने कर्मकांडियों के घोर विरोध के बाद भी अपने परिजनों को मुखाग्नि की जगह चरणाग्नि दी। शिवानंद बाबा सिर्फ उबला भोजन करते हैं। बाबा हर दिन सुबह 3 बजे उठते हैं। बह्मचर्य का पालन करते हैं। हर दिन करीब एक घंटे योग करते हैं। उसके बाद पूजा पाठ से दिन की शुरुआत करते हैं।