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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 24 जुलाई 2014 (14:05 IST)

लोकसभा में उठा मनरेगा में भ्रष्टाचार का मुद्दा

मनरेगा
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नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा और सदस्यों ने निचले स्तर पर निगरानी की कारगर व्यवस्था बनाने की मांग की।

सरकार ने कहा कि वह मनरेगा के संबंध में सतर्कता निगरानी समिति को नीचे के स्तर तक कर सकती है जिसमें सांसद भी सदस्य होते हैं।

लोकसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान आरके सिंह ने पूछा कि ऐसी रिपोर्ट आई है कि मनरेगा के तहत 40 प्रतिशत राशि की लूट हो रही है। दैनिक मजदूरों एवं मजदूरी की गलत सूची तैयार की जा रही है।

मनरेगा के भुगतान में मुखिया, कार्यक्रम अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों की मिलीभगत होती है। क्या सरकार मनरेगा में लूट को रोकने का कारगर प्रयास करेगी और केंद्र स्तर से एक उड़नदस्ता बनाएगी?

ग्रामीण विकास राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र इस संबंध में अपनी सीमा और संवैधानिक मर्यादाओं के तहत काम कर रहा है। राज्यों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे इस पर मजबूती से कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत राशि के भुगतान के सिलसिले में सोशल ऑडिट का प्रावधान है। इसे और सशक्त बनाया जाएगा।

हालांकि केंद्र के स्तर से उड़नदस्ता बनाना संभव नहीं है, क्योंकि यह बड़ा देश है। मंत्री ने कहा कि अगर सदन की राय हो तो सतर्कता निगरानी समिति को नीचे के स्तर तक किया जा सकता है जिसके सदस्य सांसद होते हैं।

विभिन्न दलों के सदस्य हालांकि मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदस्य नोटिस दें और इस विषय पर चर्चा कराई जा सकती है। (भाषा)