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भारतीय इतिहास की दस महत्वपूर्ण बातें

भारतीय इतिहास की दस महत्वपूर्ण बातें - Indian history
भारत का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। चाहे वह सिंधु घाटी की सभ्यता हो या वैदिक सभ्यता, चाहे मौर्यों का युग रहा हो या गुप्तों का- भारत सदा से ही महान रहा जिसके पीछे इसका समृद्ध इतिहास रहा है। इसके इतिहास के पीछे अनेक कथा-कथानक के साथ–साथ आंदोलन और संघर्ष की कहानी सुनने को मिलती। आइए जानते हैं, भारतीय इतिहास की दस प्रमुख घटनाएं : 
 
1. प्लासी का युद्ध : अग्रेजों को उखाड़ने की पहली कोशिश : 
प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को बंगाल के प्लासी नामक जगह पर रॉबर्ट क्लाइव और बंगाल के नवाब सिराजउद्दौला के बीच हुआ। इस युद्ध के पीछे बहुत से कारण थे जिनमें कुछ इस प्रकार हैं- काल कोठरी कांड, कलकत्ता पर अंग्रेजों का अधिकार जमाने का प्रयास, सिराजउद्दौला व्दारा ब्रिटिश हुकूमत न स्वीकार करना। यह लड़ाई स्वतंत्रता की दिशा में एक चिंगारी थी। 
 
2. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम : 
1857 की क्रांति को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में जाना जाता है। इस क्रांति के पीछे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और तात्कालिक कारण थे। इस क्रांति के प्रतीक चिह्न के रूप में ‘रोटी और कमल’ को चुना गया। इस क्रांति में मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे आदि महान व्यक्तियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसी क्रांति के समय बहादुरशाह जफर द्वितीय को राष्ट्र का राजा घोषित कर दिया गया। वीर सावरकर ने इसे प्रथम स्वाधीनता संग्राम कहा था। 
 
3. स्वदेशी आंदोलन : 
1905 में बंगाल विभाजन के बाद अंग्रेजों का विरोध जताने के लिए बंगाल के लोगों के साथ-साथ सभी देशवासियों ने भी विदेशी सामान की होली जलाई और ऐसी कोई वस्तु या सेवा ग्रहण करने से मना कर दिया, जो कि अंग्रेजों व्दारा प्रदत्त हो। इसी कारण इसे स्वदेशी आंदोलन कहा गया। इस आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत को हिलाकर रख दिया। 
 
4. काकोरी कांड : 
सहारनपुर से लखनऊ जा रही खजाने से भरी रेलगाड़ी को रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद एवं 6 अन्य ने 9 अगस्त 1925 को लूट लिया। लूट के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह भारतीयों का धन था तथा इस गाड़ी में अंग्रेज हथियार छिपाकर ले जा रहे थे।
 
5. सविनय अवज्ञा आंदोलन : 
महात्मा गांधी व्दारा इस आंदोलन की अगुवाई की गई जिसका उद्देश्य था गैरकानूनी प्रक्रिया को बंद करना और स्वराज की मांग के साथ इस आंदोलन की शुरुआत हुई। 
 
6. नमक सत्याग्रह : 
गांधीजी ने इस सत्याग्रह की अगुवाई की। इसे दाण्डी मार्च के नाम से भी जाना जाता है। 12 मार्च 1930 को गांधीजी ने 78 गणमान्य व्यक्तियों के साथ साबरमती आश्रम से दाण्डी नामक स्थान तक मार्च किया तथा 6 अप्रैल 1930 को पहुंचकर नमक बनाया और नमक कानून तोड़ा। इस सत्याग्रह के पीछे कारण था सरकारी कानूनों का शिथिलीकरण तथा नमक बनाने का अधिकार भारतीय को प्राप्त होना। 
 
7. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना : 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में ए.ओ. ह्यूम ने की थी। इसकी स्थापना का उद्देश्य था स्वतंत्रता के लिए वैचारिक संस्था का निर्माण करना। कांग्रेस ने कई आंदोलनों में भाग लिया और प्रथम सरकार का गठन किया। 
 
8. झंडा सत्याग्रह : 
झंडा सत्याग्रह की शुरुआत जबलपुर के टाउन हॉल से हुई। ब्रिटिशों व्दारा तत्कालीन भारतीय झंडे का अपमान करने के विरोध तथा भारतीय झंडे को सम्मान दिलाने के लिए यह आंदोलन किया गया। 18 मार्च 1923 को सुंदरलाल व्दारा टाउन हॉल पर झंडा फहराया गया। झंडा आंदोलन की राष्ट्रीय स्तर पर शुरुआत नागपुर से हुई। 
 
9. भारत छोड़ो आंदोलन : 
यह आंदोलन अंग्रेजी शासन के विरुद्ध वृहद रूप से कड़ा विरोध था। इस आंदोलन की अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी। इस आंदोलन की शुरुआत 9 अगस्त 1942 को हुई। इस आंदोलन ने विराट रूप धारण करके अंग्रेजों को भारत से जाने पर मजबूर कर दिया। 
 
10 आजाद हिंद फौज : 
आजाद हिंद फौज का गठन भारत को शस्त्रों के माध्यम से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से किया गया था। आजाद हिंद फौज का गठन रासबिहारी बोस ने सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में किया था जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के उद्देश्य से अंग्रेजों पर सशस्त्र हमला किया। इसी अभियान के तहत सुभाषजी ने ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया। भारत की स्वतंत्रता में आजाद हिंद फौज का विशेष हाथ था।
- विनय कुशवाहा
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