भारत की सुंदरता अद्भुत एवं अनोखी है। विश्व में प्राकृतिक खूबसूरती पहाड़ों की गोद में पाई जाती है। ऐसा एक स्थल है दार्जीलिंग जहाँ की खूबसूरत वादियाँ मन को मोह लेती हैं। यहाँ ट्रेन की खिड़की से पहाड़ों की बर्फीली चोटी नजर आती है। आसपास ठंडी हवा बहती हुई दिखती है। हर बॉलीवुड की फिल्म में दार्जीलिंग की ट्रेन को देख सकते हैं। दार्जीलिंग की हरियाली बर्फ से ढँकी हुई है।
दार्जीलिंग में हिमालयन रेलवे को देख सकते हैं। नई जलपाईगुड़ी से ट्रेन की यात्रा शुरू होती है और रतनोंग तक पहुँचती है। यह ट्रेन घने जंगलों को पार करती हुई वहाँ की अद्भुत खूबसूरती को दर्शाती है। जब रास्ते ऊँचाई की तरफ जाते हैं तब यात्रा और भी आनंदित हो जाती है।
ट्रेन इन ऊँचाइयों पर चढ़ती है। दार्जीलिंग के हिमालयन रेलवे को विश्व की सांस्कृतिक धरोहर कहा गया है। ट्रेन पहाड़ों से घूमती हुई वहाँ पर पहुँचती है। हाल ही में विश्व की सांस्कृतिक धरोहर में कालका शिमला रेलवे का नाम भी आया है। उत्तर भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में पहाड़ों पर ट्रेन देखी जा सकती है।
इसे 2005 में विश्व सांस्कृतिक धरोहर का पुरस्कार दिया था। नीलगिरि ट्रेन का मुख्य आकर्षण का केंद्र है कि वह 16 सुरंग और 250 पुल पार करती हुई पहाड़ों से घूमती हुई, घने जंगलों से गुजरती हुई स्टेशन पहुँचती है।
उत्तर भारत का कांगड़ा जिला जो कि अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। पठानकोट से प्रारंभ होकर ट्रेन प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाती हुई कांगड़ा तक पहुँचती है। यह ट्रेन शानन तक जाती है। पालमपुर की खूबसूरती का नजारा भी ट्रेन के माध्यम से देखा जा सकता है। जोगिन्दर नगर की पहाड़ियों की चोटियों को देखा जा सकता है।
दक्षिण में बेंगलुरू से लेकर के गोआ तक का सफर ‘स्वर्ण रथ’ ट्रेन से किया जा सकता है। इस यात्रा के दौरान भारत के विभिन्न सांस्कृतिक स्थल जैसे हम्पी, हसन, बेलूर, गोआ की खूबसूरती देखी जा सकती है। इस ट्रेन से सात दिन की यात्रा में आप कई प्राकृतिक स्थलों के नजारों का आनंद ले सकते हैं।
पश्चिम भारत में खंडाला, लोनावला, पंचगनी, पनहला, पंचमारही में बहुत ही खूबसूरत पहाड़ हैं, जहाँ पर हर साल हजारों पर्यटक भ्रमण करने जाते हैं।