सोमवार, 30 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सनातन धर्म
  3. महाभारत
  4. How many warriors together killed Abhimanyu who was trapped in the Chakravyuh
Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 30 जुलाई 2024 (19:18 IST)

क्यों चर्चा में है Chakravyooh, जानिए अभिमन्यु वध के समय कितने योद्धा थे चक्रव्यूह में

hakravyooh : अभिमन्यु को चक्रव्यूह में घेरकर कितने महारथियों ने मिलकर मारा

abhimanyu vadh
How many warriors together killed Abhimanyu: संसद में राहुल गांधी ने कहा कि 6 लोगों ने चक्रव्यूह में अभिमन्यु को मारा था। भाजपा पर निशान साधते हुए उन्होंने कहा कि चक्रव्यूह को 6 लोग कंट्रोल कर रहे हैं। चक्रव्यूह में देश को फंसाया गया है। इसके जवाब में भाजपा के अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस के चक्रव्यूह के सात किरदारों की बात कही। महाभारत के युद्ध में कई प्रकार की व्यू रचना का उल्लेख मिलता है। उनमें से एक है चक्रव्यूह। अर्जुन और सुभद्रा के पुत्र वीर अभिमन्यु के बारे में सभी जानते हैं कि वे चक्रव्यूह में फंसकर वीरगति को प्राप्त हो गए थे क्योंकि उन्हें चक्रव्यूह को भेदना तो याद था लेकिन उससे बाहर निकलना नहीं याद था।
 
जब द्रोणाचार्य ने देखा कि अर्जुन अपना रथ लेकर दूर निकल गए हैं तब उन्होंने महाराज युधिष्ठिर को बंधक बनाने के लिए चक्रव्यूह का निर्माण कर दिया। चारों पांडव भय और चिंता से घिर गए क्योंकि युधिष्ठिर के बंधक बन जाने का मतलब था पांडवों की हार। ऐसे में अभिमन्यु ने युधिष्ठिर से कहा कि मैं चक्रव्यू भेदना जानता हूं परंतु उससे बाहर निकलना नहीं। ऐसे में सभी पांडवों ने निर्णय लिए कि अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदेगा और उसके पीछे पीछे हम भी चक्रव्यूह में प्रवेश करके उसकी रक्षा करेंगे और उसे बाहर निकाल लाएंगे।
 
जयद्रथ ने रोक दिया सभी योद्धाओं को: प्रारंभ में यही सोचा गया था कि अभिमन्यु व्यूह को तोड़ेगा और उसके साथ अन्य योद्धा भी उसके पीछे से चक्रव्यूह में अंदर घुस जाएंगे। लेकिन जैसे ही अभिमन्यु घुसा और व्यूह फिर से बदला और पहली कतार पहले से ज्यादा मजबूत हो गई तो पीछे के योद्धा, भीम, सात्यकि, नकुल-सहदेव कोई भी अंदर घुस ही नहीं पाए। युद्ध में शामिल योद्धाओं में अभिमन्यु के स्तर के धनुर्धर दो-चार ही थे यानी थोड़े ही समय में अभिमन्यु चक्रव्यूह के और अंदर घुसता तो चला गया, लेकिन अकेला, नितांत अकेला। उसके पीछे कोई नहीं आया। सभी प्रयास कर रहे थे तब जयद्रथ ने आकर मोर्चा संभाला और पांडवों को चक्रव्यूह में जाने से रोक दिया।
 
चक्रव्यूह के सेंटर में अभिमन्यु:-
जैसे-जैसे अभिमन्यु चक्रव्यूह के सेंटर में पहुंचते गए, वैसे-वैसे वहां खड़े योद्धाओं का घनत्व और योद्धाओं का कौशल उन्हें बढ़ा हुआ मिला, क्योंकि वे सभी योद्धा युद्ध नहीं कर रहे थे बस खड़े थे जबकि अभिमन्यु युद्ध करता हुआ सेंटर में पहुंचता है। वे जहां युद्ध और व्यूहरचना तोड़ने के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से थके हुए थे, वहीं कौरव पक्ष के योद्धा तरोताजा थे। ऐसे में अभिमन्यु के पास चक्रव्यूह से निकलने का ज्ञान होता, तो वे बच जाते या उनके पीछे अन्य योद्धा भी उनका साथ देने के लिए आते तो भी वे बच जाते। लेकिन थकान के कारण वे अधिक जोश और होश से लड़ नहीं पाए।
 
चक्रव्यूह में प्रवेश करने के बाद अभिमन्यु ने कुशलतापूर्वक चक्रव्यूह के 6 चरण भेद लिए। इस दौरान अभिमन्यु द्वारा दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण का वध किया गया। अपने पुत्र को मृत देख दुर्योधन के क्रोध की कोई सीमा न रही। तब कौरवों ने युद्ध के सारे नियम ताक में रख दिए।
 
9 महारथियों ने घेर लिया अभिमन्यु को?
छह चरण पार करने के बाद अभिमन्यु जैसे ही 7वें और आखिरी चरण पर पहुंचे, तो उसे दुर्योधन, कर्ण, द्रोणाचार्य आदि सहित 9 महारथियों ने घेर लिया। ये नौ महारथी थे- दुर्योधन, द्रोणाचार्य, कर्ण, अश्वत्‍थामा, दुशासन, कृपाचार्य, कृतवर्मा, शल्य और शकुनि।
 
वीर अभिमन्यु फिर भी साहसपूर्वक उनसे लड़ते रहे। सातों ने मिलकर अभिमन्यु के रथ के घोड़ों को मार दिया। फिर भी अपनी रक्षा करने के लिए अभिमन्यु ने अपने रथ के पहिए को अपने ऊपर रक्षा कवच बनाते हुए रख लिया और दाएं हाथ से तलवारबाजी करता रहा। कुछ देर बाद वीर अभिमन्यु की तलवार टूट गई और रथ का पहिया भी चकनाचूर हो गया।
 
अब वीर अभिमन्यु निहत्था थे। युद्ध के नियम के तहत निहत्‍थे पर वार नहीं करना था। किंतु तभी पीछे से निहत्थे अभिमन्यु पर जोरदार तलवार का प्रहार किया। इसके बाद एक के बाद एक सभी योद्धाओं ने उस पर वार पर वार कर दिए। अभिमन्यु वहां वीरगति को प्राप्त हो गए। अभिमन्यु की मृत्यु का समाचार जब अर्जुन को मिला तो वे बेहद क्रोधित हो उठे और अपने पुत्र की मृत्यु के लिए शत्रुओं का सर्वनाश करने का फैसला किया। सबसे पहले उन्होंने कल की संध्या का सूर्य ढलने के पूर्व जयद्रथ को मारने की शपथ ली।