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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 10 फ़रवरी 2020 (15:03 IST)

SC/ST ACT: SC के फैसले के बाद गर्माया एट्रोसिटी एक्ट का मुद्दा, बड़े विवाद की फिर आहट!

SC/ST ACT: SC के फैसले के बाद गर्माया एट्रोसिटी एक्ट का मुद्दा, बड़े विवाद की फिर आहट! - Supreme court uphold SC/ST Amendment Act
भोपाल। SC/ST संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एक बार फिर बड़े विवाद की आहट सुनाई देने लगी है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन मामले में केंद्र सरकार के बड़ी राहत दी। सर्वोच्च अदालत ने SC/ST संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं को भी खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के इस  निर्णय के बाद अब SC/ST एक्ट के तहत शिकायत के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज होगी इसके लिए प्रारंभिक जांच जरूरी नहीं होगी। इसके साथ ही ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अफसरों की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी और न ही इन मामलों में अग्रिम जमानत का प्रावधान होगा। 
 
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब विरोध के स्वर भी उठने लगे है। 2018 में एट्रोसिटी एक्ट का खुलकर विरोध करने वाली सपाक्स पार्टी और कई संगठन अब एक बार फिर इसके विरोध में आगे आते हुए दिखाई दे रहे है।

सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर हीरालाल त्रिवेदी ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि पार्टी इस निर्णय के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। उन्होंने  कहा कि इस निर्णय के बाद SC/ST एक्ट के दुरुपयोग आंशका बढेगी और पुलिस भी एक्ट का दुरुपयोग कर सकती है। उन्होंने कहा कि इससे पुलिस को लोगों को परेशान करने का एक हथियार मिल गया  है और राजनीतिक बदले के लिए इस एक्ट का दुरुपयोग किया जाएगा। 
 
वेबदुनिया से बातचीत में हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि आज सरकार के दबाव में निर्णय  हो रहे है। उन्होंने कहा किसी की भी केस में अग्रिम जमानत पर कैसे रोक लगाई जा सकती है।   उन्होंने कहा कि संसद में सरकार कानून तो बना सकती है लेकिन मामूली अपराध या ऐसे अपराध जो IPC में जमानती है उनको गैर जमानती कैसे बनाया जा सकता है। 
 
उन्होंने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज लोगों में जहर घोलने का काम किया जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग की संभावना काफी बढ़ जाएगी।  
वहीं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और ब्राहाम्म सभा ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपना विरोध जताया है। 
 
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