सावन में महाकाल की नगरी उज्जैन से LIVE Report,केवल 10 हजार लोगों को दर्शन की अनुमति,सवारी में भी एंट्री नहीं,ऑनलाइन होंगे दर्शन
सावन में निकलने वाली महाकाल की सवारी में शामिल नहीं हो सकेंगे श्रद्धालु, मार्ग में भी परिवर्तन
विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन सावन (श्रावण) मास के पहले दिन आज शिवभक्तों के जयघोष से गूंज रही है। श्रावण मास की शुरूआत बाबा भोलेनाथ के दिन सोमवार से शुरु होने के साथ ही सुबह 5.30 बजे से ही शिवभक्त बाबा महाकाल के दर्शन कर रहे है।
बाबा महाकाल के दर्शन करने वाले भक्तों के जोश में कोई कमी नहीं है लेकिन इस बार कोरोना का असर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में साफ महसूस किया जा सकता है। वर्षो से उज्जैन में सावन महीने के पहले दिन और खासकर सावन के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिवभक्तों का सैलाब नजर आता था वह आज सावन के पहले दिन नजर नहीं आ रहा है।
'वेबदुनिया' से बातचीत में महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनावल कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद जब महाकाल मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए दोबारा खोला गया था तब हर दिन 4 हजार लोगों को प्री बुकिंग के जरिए बाबा महाकाल के दर्शन की अनुमति दी जा रही है, वहीं अब सावन के महीने में आज से 10 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी जा रही है।
अभी प्री बुकिंग के जरिए ही श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के दर्शन करने दिया जा रहा है। बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु महाकाल एप और टोल फ्री नंबर 18002331008 पर कॉल कर बुकिंग कर सकते है। इसके साथ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 250 रुपए के शीघ्र दर्शन टिकट की व्यवस्था भी रविवार से शुरु की गई है।
बाबा महाकाल के दर्शन करने का समय – सवान महीने में श्रद्धालु सुबह 5.30 बजे से रात 9 बजे तक 6 स्लॉट में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। सुबह 5.30 बजे से 8.00 बजे तक, सुबह 8 बजे से 10 बजे तक, सुबह 11 से 1.00 बजे इसके बाद दोपहर 2 से 4 बजे तक, शाम को 4.30 से 6 बजे और 6 बजे से रात 9 बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
कोरोना के चलते बदला सवारी मार्ग – श्रावण और भादौ मास में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी का मार्ग भी इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर परिवर्तित किया गया है। वेबदुनिया से बातचीत में सहायक प्रशासक मूलचंद जूनावल कहते हैं कि आज श्रावण मास की प्रथम सवारी विधिवत मन्दिर के सभा मण्डप में पूजन-अर्चन करने के बाद निर्धारित समय सायं 4 बजे निकाली जायेगी।
बाबा महाकाल की प्रथम सवारी मन्दिर में पूजन-अर्चन के बाद महाकाल मन्दिर से बड़ा गणेश मन्दिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि चौराहा से नृसिंह घाट मार्ग से सिद्धाश्रम के सामने से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। श्री महाकालेश्वर भगवान का शिप्रा के जल से अभिषेक व पूजन-अर्चन किया जायेगा। पूजन-अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से पुन: रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल से हरसिद्धि मन्दिर के सामने से होते हुए महाकाल मन्दिर पहुंचेगी।
घर बैठे देख सकेंगे महाकाल की Live सवारी – कोरोना के चलते इस बाबा महाकाल की सवारी में लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनावल कहते हैं कि इस बार श्रावण मास के पहले दिन ही सोमवार है और सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकलती है।
कोरोना को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि सभी श्रद्धालु अपने घरों से ही बाबा की सवारी को देख सकते है, इसके लिए बाबा महाकाल की शाही सवारी के लाइव प्रसारण और कमेंट्री की व्यवस्था की गई है। जिससे श्रद्धालु घर से बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर की वेबसाइट के साथ ही महाकाल ऐप और सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म के जरिए शाही सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा।
कोरोना के चलते बाबा महाकाल की पालकी के साथ केवल 30 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है। जिसकी लिस्ट मंदिर प्रशासन ने पहले से तैयार कर ली है। गौरतलब है कि हर साल बाबा महाकाल की सवारी में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते थे।