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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 19 मई 2020 (21:46 IST)

प्रवासी मजदूरों के लिए मध्यप्रदेश में चलेगा ‘कोई नहीं रहेगा बेरोजगार,सबको देंगे रोजगार’ अभियान

ठेले और रेहड़ी वालों के लिए पथ विक्रेता कल्याण योजना होगी लागू

प्रवासी मजदूरों के लिए मध्यप्रदेश में चलेगा ‘कोई नहीं रहेगा बेरोजगार,सबको देंगे रोजगार’ अभियान - Shivraj singh Govt start new campaign for Migrants labours in Madhya Pradesh
भोपाल। कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के बाद अब आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में शिवराज सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए मंगलवार को शिवराज कैबिनेट में चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के 'लोकल के लिए वोकल' बनने की बात कहते हुए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। 

वहीं कोरोना संकट काल में प्रदेश में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए मध्यप्रदेश में 'कोई नहीं रहेगा बेरोजगार, सबको देंगे रोजगार योजना अभियान शुरु होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 22 मई को योजना की शुरुआत भोपाल से करेंगे। अभियान के तहत जिलों में विधायक प्रवासी मजदूरों को जॉब कार्ड दिए जाएंगे। 
 
मनरेगा में गौशाला और मंदिरों के निर्माण – कोरोना संकट काल में प्रदेश  में लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। खुद मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मजदूरों के लिए मनरेगा के काम में और तेजी लाने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के समय श्रमिकों को काम की आवश्यकता है, जिससे उनकी रोजी-रोटी का ठीक से प्रबंध हो सके।

इसलिए गौशाला, मंदिर सरोवर, मंदिर उद्यान के अधिकांश काम मनरेगा के जरिए किए जाए, जिसमें मंदिर गौशाला के कार्यो को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही मंदिर सरोवर और मंदिर उद्यान बनाने के लिए मनरेगा के तहत राशि सरकार देगी। 
 
उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा के अन्तर्गत ऐसी संरचनाएं निर्मित की जाएं जिनमें बारिश में भी कार्य संभव हो सकें। हर जरूरतमंद को कार्य मिले। इन कार्यों में मशीनों का प्रयोग न किया जाए। इसके साथ ही स्थायी प्रभाव वाले कार्य संम्पन्न हों। स्टाप डेम, चेक डेम, सरोवर निर्माण, खेत तालाब, मेड़ बन्धान, नंदन फलोद्यान जैसे कार्य करवाए जाएं। मुख्यमंत्री ने स्थानीय श्रमिकों के साथ ही बाहर के श्रमिकों को भी जॉब कार्ड प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। 
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव के मुताबिक प्रदेश में वर्तमान में 20 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा के कार्यो से रोजगार का बड़ा सहारा मिल रहा है। जिसमें साढ़े सत्रह हजार दिव्यांग भी कार्यो से जुड़े हैं। प्रति ग्राम पंचायत औसतन 90  श्रमिक काम कर रहे हैं। प्रदेश में गत वर्ष मई माह में करीब 10 लाख श्रमिक ही मनरेगा कार्यों से जुड़े थे। इस वर्ष इनकी संख्या बढ़कर 20 लाख अर्थात दोगुनी हो गई है।
 
ठेले और रेहड़ी वालों के लिए योजना – कोरोना संकट काल में ठेले और रेहड़ी वालों को रोजगार देने के लिए पथ विक्रेता कल्याण योजना लागू की जाएगी। मंत्रालय में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने शहरी पथ विक्रेताओं को लोन और क्रियाशील पूँजी उपलब्ध करवाने की योजना के तहत प्रदेश के नगरीय निकायों में पथ विक्रेता कल्याण योजना लागू की जाए। 

नगर निगम सीमा के पथ विक्रेताओं के साथ ही प्रदेश के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में कार्यरत पथ विक्रेताओं को योजना के तहत लाया जाए। योजना में हितग्राही को ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए10 हजार रुपए की पूंजी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के पैकेज के साथ ही राज्य स्तर पर विभागों की योजनाओं को इस तरह जमीन पर उतारा जाएगा, जिससे निर्धन तबके को विशेष रूप से राहत मिले।