गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Pregnant women, pregnant, Chhattarpur

गर्भवती चली 2 किलोमीटर, हालत खराब होने पर साइकल से पहुंचाया अस्‍पताल!

गर्भवती चली 2 किलोमीटर, हालत खराब होने पर साइकल से पहुंचाया अस्‍पताल! - Pregnant women, pregnant, Chhattarpur
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बुंदेलखंड के लोगों के हालात बद से बदतर हो चले हैं। यहां मजबूर होकर एक गर्भवती महिला को पहले तो एक किलोमीटर पैदल लाया गया, लेकिन रास्ता ज्यादा खराब होने और थक जाने के कारण उसे साइकल पर बैठाकर एम्बुलेंस तक लाना पड़ा, तब कहीं जाकर वह अस्पताल पहुंच सकी।

मामला है मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का, जहां उत्तरप्रदेश की सीमाओं से लगे और एनएच किनारे बसे गांवों के हालात बदतर हो चुके हैं। जिले के बदुआ गांव की 20 वर्षीय गर्भवती महिला किसान राधा कुशवाहा को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। ज़्यादा हालत खराब होने पर 108 जननी एम्बुलेंस को कॉल किया। लेकिन वह गांव से 3 मिलोमीटर दूर ही खड़ी हो गई, क्‍योंकि गांव तक पहुंच मार्ग दलदल और नाले में तब्दील हो चुका था।

बाद में मजबूर होकर पहले तो गर्भवती महिला को एक किलोमीटर पैदल लाया गया, लेकिन हालत खराब होने पर उसे साइकल पर बैठाकर एम्बुलेंस तक लाना पड़ा। गांव की आशा कार्यकर्ता के मुताबिक, हमें एक घंटे तक सड़क पर खड़े होकर इंतज़ार करना पड़ता है। ऐसे में अक्सर जच्चा-बच्चा और मरीज़ को बहुत परेशानी होती है, यहां तक कि कभी-कभी तो जान तक चली जाती है।

इसी दौरान वहां से केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार (केंद्रीय राज्यमंत्री, महिला बाल विकास) के काफिले का निकलना भी हुआ तो उन्‍होंने भी रुकने की ज़हमत नहीं उठाई। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने गांव के हालात की जानकारी होने का हवाला दिया और कहा कि राजस्व ग्राम न होने के कारण हालात हैं। इस तरह सैकड़ों गांव हैं। पूर्व में भी हमने शासन स्तर पर पत्र लिखे हैं, जो समय रहते अमल में आएंगे।

मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और अधिकारियों की लापरवाही से हालात बद से बदतर हैं। जब कि यहां के विधायक मानवेन्द्र सिंह उर्फ भंवर राजा पूर्व मंत्री हैं। इतना ही नहीं इसी (महाराजपुर विधानसभा) जिले के रहने वाले राकेश मिश्रा जो कि प्रदेश और देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के होकर पर्सनल पीए और कार्यालय सहायक हैं।

वहीं दूसरी ओर जब जनप्रतिनिधि की तबीयत जरा भी बिगड़ जाती है तो सैकड़ों किलोमीटर दूर प्रदेश मुख्यालय (भोपाल) से तत्काल एयर एम्बुलेंस आ जाती है, पर आम आदमी इन सुविधाओं से मरहूम है। खुद को किसान का बेटा कहने वाले प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के प्रदेश में किसानों की यह हालत है।
ये भी पढ़ें
मंदसौर रेपकांड, इरफान और आसिफ को फांसी की सजा