उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए हर जिले में हों सकारात्मक एवं ठोस प्रयास: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में 27 सितंबर को सागर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने जा रहा है। कॉन्क्लेव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने सागर संभाग के उद्योगपतियों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा की।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सरकार की नीति है कि स्थानीय स्तर पर लोगों को अधिकाधिक संख्या में रोजगार मिले। इसके लिए उद्योगों के विकास और निवेश प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार उद्योगपतियों की पूरी मदद करेगी। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे। सागर संभाग के प्रमुख क्षेत्रीय उद्योगों जैसे पीतल, अगरबत्ती, फूड इंडस्ट्रीज, टूरिज्म, बीड़ी और फर्नीचर के उद्योग को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। हमारा प्रयास है कि उद्योगपतियों का व्यवसाय दोगुना हो जाए।
उन्होंने कहा कि उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए हर जिले में सकारात्मक एवं ठोस प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग एवं निवेश के लिए लोगों को प्रोत्साहन एवं सहयोग की कमी नहीं रहेगी। हर जिले में अलग-अलग काम करने की संभावनाओं को तलाशा जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "एक जिला-एक उत्पाद" के अंतर्गत क्षेत्र के उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मेसर्स मीनाक्षी मेटल्स के एलएन चतुर्वेदी, मेसर्स पारसनाथ ग्लास टफ्फ प्रा. लि. सागर के राहुल जैन, मेसर्स इंस्प्रिट इंडस्ट्रीज, अर्ध-शहरीय औद्योगिक संस्थान ग्राम गौरगांय, छतरपुर के अर्पित अग्रवाल, एमआरपी एग्रो लि. टीकमगढ़ के मनीष जैन, योग्य इक्विपमेंट प्रा.लि. निवाड़ी के संतोष सूरी, खजुराहो पल्सेस निवाड़ी के राकेश अग्रवाल, होटल मोहन राज विलास पन्ना के मनोज केशरवानी से चर्चा की और सुझाव लिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सागर संभाग में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए भी निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स और कमिश्नर्स को निर्देशित किया कि कॉन्क्लेव की व्यवस्थाओं में अड़चने नहीं रहें। उन्होंने सभी जिलों में उद्योग विस्तार एवं निवेश संभावनाओं के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए की स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों के साथ विस्तृत चर्चा कर कार्य-योजना बनाएं। वर्तमान संसाधनों के साथ जो जहां से काम कर रहा है उसे मदद दिलाई जाए। खिलौने, मिल्क प्रोडक्ट, आटा मिल, राइस मिल आदि स्थापित करने की संभावनाओं पर होमवर्क कर काम शुरु किया जाए। स्व-सहायता समूहों को जोड़कर काम करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे सागर में 27 सितम्बर को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पन्ना रामपथ गमन एवं कृष्ण पाथेय में भी शामिल है। इस क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। पन्ना में मिलने वाले हीरे की कटिंग के लिए राज्य सरकार उपयुक्त व्यवस्था करेगी।
बैठक में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों ने अपने- अपने जिले में उद्योग एवं निवेश की संभावनाओं के संबंध में सुझाव दिए। विधायक शैलेन्द्र जैन ने सुझाव रखा कि अगरबत्ती उद्योग के लिए बाहर से बांस लाने पर अगरबत्ती की कीमत बढ़ जाती है, अत: प्रयास किया जाए कि गुणवत्तापूर्ण बांस का स्थानीय स्तर पर उत्पादन हो। उन्होंने बताया कि नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र के आस-पास पर्यटकों के लिए आवास और भोजन की उचित व्यवस्था किए जाने के सुझाव दिए। पन्ना जिले से विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बफर जोन घोषित होने से यहां की कई माइंस बफर जोन में चली गई हैं। माइंस को लेकर कुछ क्षेत्र को चिन्हित कराने का सुझाव दिया गया।
बैठक में बताया गया कि 27 सितम्बर को सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में पांच देशों, मंगोलिया के राजदूत गैनबोल्ड दंबजाव और थाईलैंड के महावाणिज्यदूत डोनाविट पूलसावत सहित ईरान, केन्या, अल्जीरिया आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे।