भोपाल में नेशनल हेराल्ड की संपत्ति सील करने की तैयारी, कमर्शियल यूज की नए सिरे से होगी जांच
भोपाल। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की जांच के बाद अब भोपाल में नेशनल हेराल्ड की प्रॉपर्टी को लेकर शिवराज सरकार एक्शन मोड में आ गई है। राजधानी भोपाल के एमपी नगर इलाके में स्थित नेशनल हेराल्ड को आवंटित जमीन पर विशाल मेगा मार्ट सहित कई कमर्शियल दफ्तर संचालित होने की जांच अब नए सिरे से सरकार कराने जा रही है।
नेशनल हेराल्ड केस को लेकर प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि भोपाल में नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग का जिसने भी कॉमिशयल यूज़ किया है, उसकी जांच कराई जाएगी जांच कराने के बाद में प्रॉपर्टी सील की जाएगी। इसके साथ मंत्री ने कहा कि जिन अधिकारियों ने प्रॉपर्टी का लैंड यूज़ बदलाव किया उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को नेशनल हेराल्ड की संपत्ति की जांच को लेकर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश दे दिए गए है। समिति एक महीने में नेशनल हेराल्ड से जुड़ी संपत्तियों की जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
इसके समिति कोर्ट में लंबे समय तक मामले के लंबित पड़े रहने को लेकर भी जांच करेगी। सरकार ने संकेत दिए है कि मामले को कोर्ट में सही तरीके से नहीं उठाने वाले अधिकारियों पर भी कार्यवाही होगी। इसके साथ भूखंड आवंटित करने वाले अधिकारियों की भी जांच समिति करेगी।
भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा जिन लोगों ने भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर जगह ली उसके बाद संपत्ति अपने नाम पर करा ली। जैसे दिल्ली का नेशनल हेराल्ड का मामला है, वहां प्रॉपर्टी सोनिया गांधी राहुल गांधी ने अपने नाम पर करा ली जबकि 3000 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर वा जगह दी गई थी।
कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया कहते है कि पूरा मामला 2012 से कोर्ट में है और सरकार इस मामले पर कार्रवाई नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड कांग्रेस की प्रॉपर्टी है कि सरकार केवल गांधी परिवार को बदनाम करने की कार्रवाई कर रही है।