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Last Updated : शुक्रवार, 13 मई 2022 (23:18 IST)

मप्र की नई स्टार्टअप नीति की शुरुआत, मिलेगा कार्यस्थल का किराया और कर्मचारियों का वेतन

मप्र की नई स्टार्टअप नीति की शुरुआत, मिलेगा कार्यस्थल का किराया और कर्मचारियों का वेतन - Narendra Modi launches new startup of MP
इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मध्यप्रदेश की नई स्टार्टअप नीति की औपचारिक शुरुआत की। इस योजना का मकसद नए उद्यमों को प्रोत्साहन देना है। इस नीति में स्टार्टअप उद्यमों के लिए कार्यस्थल के किराए, कर्मचारियों के वेतन तथा उत्पादों के पेटेंट को लेकर अनुदान और सरकारी खरीद में आरक्षण समेत कई आकर्षक सुविधाओं तथा रियायतों का प्रावधान किया गया है।
 
प्रधानमंत्री ने राज्य की स्टार्टअप नीति के साथ ही एक ऑनलाइन पोर्टल का भी शुभारंभ किया जिसके जरिए नए उद्यमों को स्टार्टअप नीति का फायदा पहुंचाया जाएगा। इस पोर्टल को केंद्र सरकार के संबंधित पोर्टल से जोड़ा गया है।
मोदी ने इस अवसर पर कुछ उद्यमियों से उनके स्टार्टअप के बारे में बातचीत की और उन्हें सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में 300 से 400 स्टार्टअप थे, जबकि 8 वर्षों में मान्यता-प्राप्त स्टार्टअप की संख्या बढ़कर अब 70,000 से भी अधिक हो चुकी है। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद थे और उन्होंने 4 नए उद्यमों को वित्तीय सहायता दी।
 
उन्होंने बताया कि राज्य की अलग-अलग समस्याओं के समाधान के लिए जल्द ही ‘स्टार्टअप इनोवेशन चैलेंज’ शुरू किया जाएगा और इसमें चयनित उद्यमों को एक करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए उद्यमों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के चलते राज्य के स्टार्टअप को 26 जनवरी से लेकर अब तक कुल 700 करोड़ रुपए का वित्त पोषण मिल चुका है।
तुम मुझे आइडिया दो मैं तुम्हें अवसर दूंगा : शिवराज ने युवाओं से कहा कि तुम मुझे आइडिया दो मैं तुम्हें अवसर दूंगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के पास इनोवेटिव आइडिया है। क्षमता, योग्यता और सही राह पर चलने का माद्दा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को अगर अवसर, सहयोग तथा प्रोत्साहन मिल जाए तो वे बेहतर कार्य इस दिशा में करेंगे। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की दिशा में बैंगलोर और हैदराबाद को भी पीछे छोड़ देंगे। हमारा सौभाग्य है कि देश का नेतृत्व नरेन्द्र मोदी जी के हाथों में है। भारत इनके नेतृत्व में विश्व में सिरमौर बना है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देने के लिये हर माह रोजगार मेला आयोजित करने का सिलसिला प्रारंभ किया गया है। इससे लाखों युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। स्टार्टअप की दिशा में युवा नई उड़ान भरने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर के साथ ही अब भोपाल और अन्य शहरों को भी स्टार्टअप हब बनाने के लिए गंभीरता से प्रयास होंगे। उन्होंने इंदौर में इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर पर स्टार्टअप विलेज बनाने तथा इनोवेशन लैब बनाने की बात भी कहीं।
 
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नई स्टार्टअप नीति मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ा कदम है। नरेन्द्र मोदी ने राज्य के चुनिंदा स्टार्टअप्स के साथ संवाद किया।
5000 प्रतिमाह किराया : राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के सचिव पी नरहरि ने कहा कि अगर कोई नया उद्यम किराए की जगह पर चल रहा है, तो उसे इस नीति के तहत राज्य सरकार हर माह 5,000 रुपए किराए के लिए देगी। उन्होंने बताया कि चयनित स्टार्टअप को अधिकतम 25 कर्मचारियों के लिए प्रति कर्मचारी 5,000 रुपए का मासिक वेतन भत्ता दिया जाएगा।
 
उन्होंने बताया कि स्टार्टअप उद्यमों को उनके कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए भी अलग से भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य में केंद्र सरकार से मान्यता-प्राप्त 1,937 स्टार्टअप हैं जिनमें से 45 प्रतिशत उद्यम की कमान महिलाओं के हाथ में है।