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Last Modified: गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020 (00:04 IST)

उपचुनाव : कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ-दिग्विजय को बताया चुन्नू-मुन्नू, कहा- दोनों कलाकार

उपचुनाव : कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ-दिग्विजय को बताया चुन्नू-मुन्नू, कहा- दोनों कलाकार - mp bypolls kailash vijayvargiya calls digvijay singh and kamalnath as chunnu munnu says both are artists
इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को 'चुन्नू-मून्नू' बताते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पिछली सरकार के राज में दोनों वरिष्ठ नेताओं ने सूबे के मतदाताओं से विश्वासघात किया।
 
विजयवर्गीय ने सांवेर में चुनावी सभा में कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय, ये दोनों चुन्नू-मून्नू हैं। (2018 में) जब राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे थे, तो इनकी सभाओं में कहीं 50, तो कहीं 100 लोगों की भीड़ होती थी।
 
उन्होंने कहा कि दोनों कांग्रेस नेताओं ने एक पूर्व राजघराने में पैदा हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे खानदानी आदमी को अपना वचन पत्र (पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान जारी कांग्रेस का घोषणा पत्र) थमा दिया। सिंधिया चुन्नू-मुन्नू की बातों में आ गए।
 
विजयवर्गीय ने कहा कि चुन्नू-मुन्नू ने पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान सिंधिया से पूरे प्रदेश में कहलवाया कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर महज 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ होगा और बेरोजगार नौजवानों को सरकारी भत्ता मिलेगा, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद चुनावी वादे नहीं निभाए गए।
 
उन्होंने कहा कि चुन्नू-मुन्नू में से एक व्यक्ति मुख्यमंत्री बन गया, तो दूसरा व्यक्ति तबादला उद्योग खोलकर अपने बंगले में बैठ गया, लेकिन बेचारे सिंधिया गली-कूचों में घूम रहे थे और लोग उनसे पूछ रहे थे कि कांग्रेस के चुनावी वादों का क्या हुआ?
 
भाजपा महासचिव ने कहा कि असल में चुन्नू-मुन्नू गद्दार हैं। लेकिन अब वे अन्य लोगों को गद्दार बता रहे हैं। विजयवर्गीय, सूबे के जल संसाधन मंत्री और सांवेर क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार तुलसीराम सिलावट के पक्ष में आयोजित सभा संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस छोड़कर 7 महीने पहले भाजपा में आने वाले सिलावट ने अपने इस परंपरागत क्षेत्र से एक बार फिर बुधवार को नामांकन दाखिल किया, जहां 3 नवम्बर को उपचुनाव होना है।
 
सिंधिया की सरपरस्ती में सिलावट समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च को पतन हो गया था। इसके बाद शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी।
 
विजवर्गीय ने इस सियासी घटनाक्रम की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चल रही एक्सप्रेस ट्रेन में सिंधिया अपने साथियों के साथ जैसे ही बैठे, चुन्नू-मुन्नू की दुकान बंद हो गई और वे सड़क पर आ गए।
 
भाजपा महासचिव ने प्रदेश किसान कांग्रेस के नेता दिनेश गुर्जर द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 'नंगे-भूखे घर का' बताए जाने पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हम भूखे-नंगे सही, पर ईमानदार हैं। हम तुम्हारे जैसे बेईमान नहीं हैं कि वोट लेकर बैठ जाएं और बाद में किसानों व नौजवानों की सुध तक नहीं लें। (भाषा)
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