मध्यप्रदेश में मॉब लिंचिंग, सिवनी में 2 आदिवासियों की पीट-पीटकर हत्या
भोपाल। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में गोहत्या के संदेह में 15-20 लोगों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर हमला किए जाने के बाद दो आदिवासियों की मौत हो गई। घटना में एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। मामले में शिकायतकर्ता और भाजपा शासित राज्य में विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हमलावर बजरंग दल के हैं।
अधिकारी ने बताया कि कुरई थाना क्षेत्र के सिमरिया में सोमवार को तड़के ढाई बजे से तीन बजे के बीच हुई घटना के सिलसिले में करीब 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
घटना के बाद कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोदिया के नेतृत्व में एक गुट ने जबलपुर-नागपुर हाईवे पर धरना शुरू कर दिया। सिवनी के पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों ने धरनास्थल का दौरा किया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसके मरावी ने बताया कि दो आदिवासियों की मौत हो गई। यह आरोप लगाया गया है कि 15-20 लोगों का एक समूह पीड़ितों के घर गया और उन पर गाय की हत्या का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। अस्पताल ले जाने के दौरान दो लोगों की मौत हो गई। एक अन्य को मामूली चोटें आई हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों का पोस्टमार्टम किया जाना बाकी है।
मरावी ने कहा कि कुराई थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया है और पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश कर रही है। कुछ आरोपियों के नाम (शिकायत में) हैं और अन्य अज्ञात हैं। हमने दो-तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पीड़ितों के घर से करीब 12 किलोग्राम मांस मिला है। घटना में घायल शिकायतकर्ता ब्रजेश बत्ती ने कहा कि भीड़ सागर निवासी संपत बत्ती और सिमरिया निवासी ढांसा को लाठियों से मार रही थी, जब वह मौके पर पहुंचा तो उसके साथ भी मारपीट की गई।
घटना के विरोध में धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक काकोदिया ने दावा किया कि हमलावरों में बजरंग दल के सदस्य शामिल हैं और उन्होंने इस दक्षिणपंथी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। इस बीच, कांग्रेस ने घटना की उच्च-स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच की घोषणा कर, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाए व घायल युवक के इलाज की संपूर्ण व्यवस्था सरकारी खर्च पर हो। कमलनाथ ने कहा कि मृतकों के परिजनों और स्थानीय निवासियों ने दावा किया है कि बजरंग दल घटना में शामिल था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य प्रदेश आदिवासियों के खिलाफ अपराधों में देश के राज्यों में एक नंबर पर है।