MP में सक्रिय इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर के सदस्यों को विदेशों से होती थी फंडिंग, धर्म परिवर्तन के सहारे शारिया कानून लागू कराने का था प्लान
मध्यप्रदेश में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के जिस आतंकी मॉड्यूल का फर्दाफाश हुआ है उसमें लगातार बड़े खुलासे हो रहे है। भोपाल, छिंदवाड़ा और हैदराबाद से गिरफ्तार हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) से जुडे 16 सदस्यों से पूछताछ में आरोपियों के इंटरनेशनल कनेक्शन का खुलासा हुआ है।
आज गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से विदेशी नंबर सहित इंटरनेशनल कनेक्शन का खुलासा हुआ था। पूरे मामले की जांच कर रही एटीएस गिरफ्तार आरोपियों के बैंक डिटेल खंगालने के साथ अन्य बिंदुओं की जांच कर रही है। गृहमंत्री ने कहा कि संगठन से जुड़े व्यक्ति लोगों का धर्म परिवर्तन कराने की गतिविधियों में शामिल थे।
वहीं हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के 5 अन्य लोग आज कोर्ट में पेश कर एटीएस रिमांड पर लेगी। गौरतलब है मंगलवार को मध्यप्रदेश एटीएस ने राजधानी भोपाल सहित छिंदवाड़ा और हैदराबाद से कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के 16 लोगों को गिरफ्तार किया था।
कट्टरपंथी संगठन हिज्ब उत्-तहरीर (HUT) से जुड़े आरोपी लोगों को भड़काकर भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करना चाह रहे थे। संगठन की योजना ज्यादा से ज्यादा नवयुवकों को अपने संगठन से जोड़ने और उन्हें हिंदुओं के विरुद्ध जेहाद के लिए तैयार करना है। एटीएस की गिरफ्तार में आए संदिग्ध जिम ट्रेनर, कंप्यूटर टेक्नीशियन, दर्जी, ऑटो ड्राइवर के रूप में लोगों के बीच घुलमिल कर देश विरोधी साजिशों में शामिल थे। भोपाल से गिरफ्तार एक आरोपी भोपाल के कोहेफिज में एडुफोरम ट्यूटोरियल्स के नाम से कोचिंग सेंटर चलाता था। संगठन के सदस्य ड्रोन कैमरे से रेकी कर किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे।
रायसेन के जंगलों में हथियार चलाने की ट्रेनिंग-एटीएस के गिरफ्तर में आए आरोपी भोपाल से सटे रायसेन के जंगलों में गोपनीय रूप से क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप में निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे। जंगलों के बीच स्थित प्रशिक्षण कैंप में हैदराबाद से आए संगठन के संक्रिय सदस्य कैंप में शामिल सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे। इसके साथ संगठन के सदस्य धार्मिक सभा कर भड़काऊ तकरीरें के जरिए जेहादी साहित्य का वितरण लोगों के बीच करते थे।
इसके साथ संगठन से जुड़े सदस्य ऐसे युवकों की पहचान करते थे,जो उग्र स्वभाव के हों और उन्हें संगठन के लिए अपनी जान देने में कोई हिचक ना हो। सभी आरोपी आपस में बातचीत करने के लिए डार्क वेब में प्रचलित विभिन्न कम्युनिकेशन ऐप जैसे 'रॉकेट चैट', 'श्रीमा' एवं अन्य ऐप का उपयोग करते थे, जिनका उपयोग अधिकतर आतंकी संगठन जैसे 'आईएसआईएस द्वारा भी किया जाता है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण, देशविरोधी एवं जेहादी साहित्य, विस्फोटक बनाने का साहित्य एवं सामग्री एवं डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए हैं।