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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020 (11:32 IST)

भिंड-मुरैना में शांतिपूर्वक मतदान के लिए पुलिस का खास प्लान, गोली खुद बताएगी चलाने वाले का नाम!

भिंड-मुरैना में शांतिपूर्वक मतदान के लिए पुलिस का खास प्लान, गोली खुद बताएगी चलाने वाले का नाम! - Madhya Pradesh by-election: special plan for police to vote peacefully in Bhind-Morena, QR coding on bullets
मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी करीब-करीब पूरी कर ली है। शांतिपूर्वक चुनाव कराने के लिए  प्रदेश के 19 जिलों में अब तक पुलिस थानों में एक लाख 69 हजार 415 लायसेंसी हथियारों में से एक लाख 52 हजार 213 हथियार जमा कराये जा चुके हैं। इसके साथ ही 3 हजार 645 हथियार जब्त और 163 लायसेंस रद्द किए गए हैं। प्रदेश में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे है उनमें 16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके की है और यहां शांतिपूर्ण मददान करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। 
 
अंचल में अगर उपचुनाव की बात करें तो मुरैना जिले की पांच और भिंड जिले की दो सीटों पर उपचुनाव के लिए जिला प्रशासन ने खास रणनीति तैयार की है। दोनों जिलों की उपचुनाव वाली सात सीटों में संवदेनशील मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती की जाएगी। इसके साथ लोगों में विश्वास बनाए रखने के लिए पुलिस विश्वास पर्ची  भी बांट रही है।

इसके साथ चुनाव के दौरान आसमाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस दंगा निरोधी हथियारों का उपयोग करने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर स्टनगन से बिजली का करंट दिया जाता है। वहीं मतदान केंद्रों पर नजर रखने के बूथों की वेबकास्टिंग भी कराई जाएगी। 

गोलियों पर क्यूआर कोडिंग- उपचुनाव में हिंसा और फायरिंग रोकने के लिए देश में संभवत पहली बार भिंड जिले में पुलिस गोली पर क्यूआर कोड डाल दिए है जिससे कि फायरिंग होने पर खाली खोखा मिलते ही पुलिस संबंधित व्यक्ति तक तुरंत पहुंच जाएगी।  भिंड एसपी मनोज कुमार सिंह ने बंदूक से होने वाले अपराधों पर लगाम कसने के लिए बुलेट्स पर क्यूआर कोड लगवाना का अनोखा प्रयोग किया है। मेटल बुलेट्स पर इंफ्रारेड के जरिये तो अन्य बुलेट्स पर परमानेंट इंक से क्यूआर कोड लगवाए गए है। 
क्यूआर कोडिंग को लेकर एसपी मनोज सिंह कहते हैं कि हमारा प्रयास हैं कि चुनाव के दौरान जो अशांत एरिया है और जहां हिंसा होने की संभावना है वहां के लाइसेंस धारकों की बंदूकें तो जमा कर ली गई है लेकिन राउंडस नहीं जमा कराए गए हैं,ऐसे में राउंडस पर क्यूआर कोंडिग की गई है जिससे न तो लाइसेंसधारी इसका दुरुप्रयोग कर सके और न ही आसमाजिक तत्वों के हाथ में राउंडस का दुरुपयोग न हो सके।  
 
एसपी मनोज सिंह के मुताबिक क्यूआरकोड स्कैन करते ही ये जानकारी मिल जाएगी कि बुलेट किस लाइसेंसधारी शस्त्र के लिए दिया गया था जिसके बाद अपराधी तक पहुंचने में काफी मदद मिलेगी। आने वाले समय में सभी लाइसेंसधारी शस्त्रधारियों को क्यूआरकोड वाले बुलेट्स ही दिए जाएंगे।