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Written By विकास सिंह
Last Modified: गुरुवार, 5 मई 2022 (23:39 IST)

मध्यप्रदेश ‌में पंचायत और निकाय चुनाव में OBC‌ वर्ग‌ को 35% आरक्षण देने की सिफारिश, SC में पेश होगी रिपोर्ट

मध्यप्रदेश ‌में पंचायत और निकाय चुनाव में OBC‌ वर्ग‌ को 35% आरक्षण देने की सिफारिश, SC में पेश होगी रिपोर्ट - Madhya Pradesh : Backward Classes Commission recommends 35% quota for OBCs in panchayat
भोपाल। मध्यप्रदेश ‌में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को पूरे मामले पर हुई सुनवाई के बाद आनन फानन में सरकार की ओर से राज्य में पिछड़ा वर्ग के वोटरों की संख्या को लेकर रिपोर्ट ‌जारी कर दी गई।
 
पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता लगभग 48 प्रतिशत है। रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में कुल मतदाताओं में से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मतदाता घटाने पर शेष मतदाताओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता 79 प्रतिशत है। आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक ओबीसी के वयस्क मताधिकार लगभग 70 वर्ष हो चुके हैं। 
 
आयोग की अनुशंसाएँ
-राज्य सरकार त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कम से कम 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करे।
 
-राज्य सरकार समस्त नगरीय निकाय चुनावों के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कम से कम 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करे।
 
-त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों एवं नगरीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण सुनिश्चित किये जाने हेतु संविधान में संशोधन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाये।
 
-राज्य शासन द्वारा सर्वे उपरांत चिन्हांकित कर जनसंख्या के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग बहुल जिला एवं ब्लॉक को "अन्य पिछड़ा वर्ग बहुल क्षेत्र" घोषित किया जाये तथा उन क्षेत्रों में विकास की विभिन्न योजनाएँ लागू की जाये, बस्ती विकास जैसे कार्य किए जायें।
 
-मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग की सूची में से जो जातियाँ केन्द्र की अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित नहीं है, उन जातियों को केन्द्र की सूची में जोड़े जाने का प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन द्वारा केन्द्र शासन को प्रेषित किया जाये।
 
-केन्द्र की पिछड़ा वर्ग की सूची में से जो जातियाँ मध्यप्रदेश राज्य की अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित नहीं है, मध्यप्रदेश शासन द्वारा उन जातियों को राज्य की सूची में जोड़ा जाए।
 
कांग्रेस का पलटवार- वहीं कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण रोकने के लिए सरकार हर हथकंडा अपना रही है। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्य प्रदेश सरकार को फटकार लगाई। ऐसा प्रतीत होता है कि ओबीसी आरक्षण को लेकर मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में सही स्थिति व्यक्त नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगर सरकार ओबीसी जनसंख्या के बारे में रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करा सकती तो बिना ओबीसी आरक्षण के ही पंचायत चुनाव कराए जाएं।

 
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि ऐसा लगता है कि मध्यप्रदेश सरकार एक बार फिर से संवैधानिक प्रावधानों में लापरवाही बरत कर पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण समाप्त कराने का षड्यंत्र रच रही है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद जिस तरह से मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की है, उससे पता चलता है कि सरकार इस बारे में बिलकुल गंभीर नहीं है।
 
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मतदाता सूचियों के आधार पर मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी 48% है। क्या माननीय मंत्री बताएंगे कि किसी वर्ग की जनसंख्या की हिस्सेदारी जनगणना के आंकड़ों से गिनी जाती है या मतदाता सूचियों के आधार पर। जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों का उपयोग किए बिना यह कैसे बताया जा सकता है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी कितनी है, मतदाता सूची में किसी वर्ग विशेष का उल्लेख अलग से होता है या नहीं।
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