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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 26 जुलाई 2023 (14:24 IST)

विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के लिए कमलनाथ के 5 बड़े वादे, कर्जमाफी के साथ बिजली के बिल माफ करने की गारंटी

विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के लिए कमलनाथ के 5 बड़े वादे, कर्जमाफी के साथ बिजली के बिल माफ करने की गारंटी - Kamal Nath made 5 big announcements for the farmers before the assembly elections
भोपाल। 2018 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में किसान कर्जमाफी का एलान कर 15 साल बाद सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस ने एक बार फिर किसानों को साधने के लिए बड़ा एलान किया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने आज विधानसभा चुनाव को देखते हुए किसानों से 5 बड़े वादे किए। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि सरकार में आने पर कांग्रेस किसानों का 5 हॉर्स पावर का बिजली क बिल माफ किया जाएगा। इसके साथ किसानों का बकाया बिजली का माफ करने के साथ किसानों का क़र्ज़ा माफ किया जाएगा। इसके साथ किसानों को 12 घंटे बिजली की सप्लाई की जाएगी। वहीं प्रदेश में आंदोलनों के दौरान मुकदमे माफ किए जाएंगे।

कृषक न्याय योजना का एलान-चुनाव में किसान वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने कृषक न्याय योजना का एलान किया है। योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए पांच हॉर्स पावर तक के पंप पर निःशुल्क बिजली प्रदान की जाएगी। किसान कर्ज के बोझ से मुक्त करने के लिए उनका कर्ज माफ किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार में अत्याचार का विरोध करने पर किसानों के ऊपर अन्याय पूर्ण मुकदमे डाले गए हैं। दमनकारी कृषि कानूनों का विरोध करने, कथित विद्युत चोरी, उपज के विक्रय एवं खाद की कमी के कारण किसान आंदोलन में जिन किसानों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं, उनकी समीक्षा कर यह मुकदमे वापस लिए जाएंगे। किसानों के कृषि उपयोग के पुराने बिजली बिल की बकाया राशि माफ की जायेगी। किसानों को 12 घंटे पर्याप्त और निर्बाध बिजली उपलब्ध करायेंगे।

मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि कृषि की बढ़ती लागत और डीजल के आसमान छूते दामों को देखते हुए किसानों को राहत देने के लिए कांग्रेस पार्टी कृषक न्याय योजना को प्रदेश में लागू करने के लिये वचनबद्ध है। हमने योजना के पहले चरण में कर्ज माफी की गारंटी दी है, हम दूसरे चरण में किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए पांच हॉर्स पावर तक के पंपो के लिये निशुल्क बिजली उपलब्ध करायेंगे।

कमलनाथ ने कहा कि हम किसानों के दर्द को समझते हैं, बिजली की कमी, खराब ट्रांसफार्मर्स को बदलने, बिजली चोरी के झूठे आरोप और दमन के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों को भी वापस लेंगे। प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश का किसान और आमजन महंगे बिजली बिल की वसूली और भारी बिजली कटौती से त्रस्त है। प्रदेश के गांवों में 10-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती हो रही है। मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था और समाज-व्यवस्था खेती पर टिकी है, जिसका आधार स्तंभ हमारे किसान भाई हैं। लेकिन किसान भाइयों का सम्मान करने के बजाय शिवराज सरकार ने 18 साल में किसानों के साथ अन्याय किया है। किसानों को एमएसपी पर दिया जाने वाला बोनस बंद कर दिया है।

कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के सामने रीवा के कार्यक्रम में झूठी घोषणा कर दी कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी दुगनी से अधिक हो गई है, जबकि सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी पहले से और कम हो गई है। मोदी सरकार की संसदीय समिति ने दिसंबर 2022 में यह बताया है कि मध्य प्रदेश देश के उन 4 राज्यों में शामिल है जिसके किसानों की आमदनी बहुत अधिक घट गई है। वर्ष 2015-16 में जो आमदनी 9740 रूपये प्रति माह थी, वह घटकर 8339 रूपये प्रति माह रह गई है। देश के सभी बड़े राज्यों में आमदनी के मामले में मध्य प्रदेश के किसान बहुत नीचे हैं।

कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के हित के लिए सरकार बनने पर किसान कर्ज माफी लागू करेगी। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश में पनप रहे नकली बीज बनाने वाले माफिया पर नकेल कसी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की रक्षा के लिए फसल बीमा की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।

कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने 2017 में मंदसौर में किसानों पर गोली चलाई थी। लेकिन अपने किसान विरोधी स्वरूप का परिचय देते हुए शिवराज सरकार ने आज तक मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर नहीं रखी है। जब केंद्र की  नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन काले कृषि कानून बनाए तो शिवराज सरकार ने उसका पूरा समर्थन किया।

कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्ज माफी शुरू की थी और पहले चरण में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया था लेकिन प्रदेश में सौदेबाजी से बनी भाजपा सरकार ने किसान कर्ज माफी समाप्त कर किसानों को एक बार फिर से कर्ज के दलदल में धकेल दिया। नतीजा यह हुआ कि प्रदेश के 38 लाख किसान डिफाल्टर हो गए।