मोदी सरकार में मंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल दौरे से चढ़ेगा सियासी पारा
भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी मेल मुलाकातों से गर्माए सियासी तापमान के बीच अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की एंट्री होने जा रही है। भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भोपाल पहुंच रहे है। भोपाल में एक दिन गुजारने के बाद सिंधिया दो दिन ग्वालियर के प्रवास पर रहेंगे।
सिंधिया का भोपाल दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भाजपा सरकार और संगठन में फेरबदल के खुद सिंधिया को मोदी सरकार में मंत्री बनाए जाने की अटकलें चल रही है। भाजपा में शामिल होने के 15 महीनों के बाद भी सिंधिया को केंद्र में मंत्री नहीं बनाए जाने से उनके समर्थक काफी निराश है। ऐसे में अब सिधिंया अपने भोपाल दौरे के दौरान फिर एक बार अपने समर्थकों के जरिए शक्ति प्रदर्शन भी कर सकते है। वहीं राजनीतिक पंडितों की निगाहें इस बात पर भी टिकी है कि सिंधिया अपने भोपाल दौरे के दौरान किन नेताओं से मुलाकात करते है।
निगाहें इस बात पर भी टिकी है कि क्या सिंधिया इस दौरे से उनके समर्थकों का निगम मंडल और पार्टी संगठन में शामिल होने का लंबा इंतजार खत्म हो पाएगा। सिंधिया की कट्टर समर्थक इमरती देवी,गिर्राज दंडोतिया, मुन्नालाल गोयल उपचुनाव हारने के बाद लूप लाइन में है और लंबे समय से निगम मंडल में एडजस्ट होने की राह देख रहे है।
दूसरी ओर सिंधिया के भोपाल दौरे से पहले भाजपा ऑल इज वेल के मिशन में जुटी हुई है। पिछले दिनों सिंधिया के समर्थकों पर वसूली का आरोप लगाने वाले भाजपा विधायक राकेश गिरी को पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कड़ी फटकार लगाई। भोपाल में पार्टी मुख्यालय तलब किए गए राकेश गिरी ने पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात के बाद अपने व्यवहार के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी।
गौरतलब है कि टीकमगढ़ में जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में भाजपा विधायक राकेश गिरी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए थी। उन्होंने सिंधिया के समर्थकों पर सिंधिया के नाम पर वसूली करने का आरोप लगाया था।
वहीं सिंधिया के ग्वालियर दौरे पर पहले केंद्रीय कृषि नरेंद्र सिंह तोमर की जयभान सिंह पवैया से मुलाकात चर्चा में है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सोमवार शाम पूर्व मंत्री पवैया के घर उनके पिता के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे थे। ग्वालियर-चंबल की सियासत में जयभान सिंह पवैया को महल विरोधी राजनीति के लिए जाना जाता है। ऐसे में सिंधिया के दौरे से ठीक पहले तोमर का पवैया से मिलने के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे है।