सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Jyotiraditya Scindia replies to Rahul Gandhi
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 9 मार्च 2021 (15:56 IST)

ज्योतिरादित्य सिंधिया का राहुल गांधी को जवाब, काश कांग्रेस में रहते हुए इतनी चिंता कर लेते

ज्योतिरादित्य सिंधिया का राहुल गांधी को जवाब, काश कांग्रेस में रहते हुए इतनी चिंता कर लेते - Jyotiraditya Scindia replies to Rahul Gandhi
भोपाल। कांग्रेस को एक साल पहले अलविदा कहने वाले भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अब खुलकर आमने-सामने आ गए है। राहुल गांधी के बयान के बाद अब भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पुराने साथी को जवाब देते हुए कहा कि “राहुल जी को जितनी चिंता अब है काश उतनी चिंता तब होती जब मैं कांग्रेस में होता”। 
पिछले साल 10 मार्च को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती थी। सिंधिया जब कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे तब भी राहुल गांधी ने सिंधिया के खिलाफ खुलकर कुछ नहीं बोला था। वहीं पिछले एक साल में भाजपा सांसद सिंधिया और राहुल गांधी कभी खुलकर एक दूसरे के खिलाफ नहीं बोले या बोलने से बचते हुए भी दिखाई दिए।

दरअसल सिंधिया ने राहुल गांधी के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें राहुल ने सिंधिया को भाजपा में बैकबेंचर बताते हुए कहा था कि अगर सिंधिया कांग्रेस में होते तो मुख्यमंत्री बनते। गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली में युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मे ज्योतिरादित्य सिंधिया का जिक्र करते हुए कहा था कि सिंधिया भाजपा में जाकर बैकबैंचर बन गए हैं और वहां वो कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे। राहुल ने यह भी कहा कि सिंधिया ने अगर उनके कहे अनुसार कांग्रेस में रहकर कुछ दिन इंतजार कर लिया होता, तो आज वे मुख्यमंत्री बन गए होते । इसके साथ राहुल ने यह भी दावा किया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दिन लौटकर कांग्रेस जरुर आएंगे। 
 
उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अब से ठीक एक साल पहले 10 मार्च 2020 को कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंधिया के साथ मध्यप्रदेश में उनके समर्थक करीब दो दर्जन विधायक भी कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। जिसके बाद मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई थी।