जीएसटी पर इंदौर के बाजार बंद, दो जुलाई से भूख हड़ताल
इंदौर। केंद्र सरकार द्वारा एक जुलाई से लागू किए जा रहे वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) की विसंगतियों और जटिलताओं के विरोध में मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के प्रमुख बाजार और हजारों कारोबारी संस्थान आज बंद रहे। इससे करोड़ों रुपए का दैनिक व्यवसाय ठप हो गया।
बाजार सूत्रों ने बताया कि एक दिवसीय बंद का राजबाड़ा क्षेत्र के विभिन्न बाजारों, सियागंज के किराना बाजार, संयोगितागंज की अनाज मंडी और सराफा बाजार समेत प्रमुख कारोबारी केंद्रों पर खासा असर देखा गया।
बंद का आह्वान करने वाले अहिल्या चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि हम जीएसटी के नहीं, बल्कि इसकी जटिलताओं और विसंगतियों के विरोध में हैं। सरकार ने बगैर किसी ठोस तैयारी के इस नई कर प्रणाली को उद्योग और व्यापार जगत पर अचानक थोंप दिया है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी की रोटी, कपड़ा और मकान की चीजों पर जीएसटी की ऊंची दरों और नई कर प्रणाली की जटिलताओं तथा विसंगतियों से कारोबारी ढांचा बुरी तरह गड़बड़ा जाएगा।
खंडेलवाल ने कहा कि वाणिज्य जगत के हितों की रक्षा के लिए सीमेंट, फ्लोर टाइल्स, नमकीन उत्पादों, घी, ब्रांडेड अनाज, ब्रांडेड कपड़ों, दवाओं आदि वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी की विसंगतियों और जटिलताओं के विरोध में बुलाए गए बंद को इंदौर के करीब 125 कारोबारी संगठनों ने अपना समर्थन दिया।
खंडेलवाल ने बताया कि जीएसटी की कमियां दूर करने की मांग के साथ कारोबारी संगठनों द्वारा शहर में दो जुलाई से क्रमिक भूख हड़ताल और धरने की शुरुआत की जाएगी। (भाषा)