कमलनाथ के करीबियों के खिलाफ आयकर विभाग का छापा दूसरे दिन भी जारी
नई दिल्ली/ भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग के छापे सोमवार को भी जारी रहे और तलाशी दल ने दस्तावेज एवं नकदी जब्त किए। अधिकारियों ने बताया कि इस चुनाव के मौसम में कथित कर चोरी और हवाला लेनदेन के आरोपों में यह तलाशी भोपाल, इंदौर, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विभिन्न परिसरों में चल ही रही है और आयकर अधिकारी ब्योरा एवं सबूत जुटाने में लगे हैं।
वैसे तो जब्त नकदी के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि अब तक 10 करोड़ रुपए से अधिक की संदिग्ध नकदी जब्त की गई है। कथित हवाला कारोबारी पारसमल लोढा से जुड़े कम से कम छह लोगों से आयकर विभाग पूछताछ कर रहा है। विभाग ने रविवार तड़के कमलनाथ के करीबियों और अन्य पर 52 स्थानों पर छापा मारना शुरू किया था।
सूत्रों ने बताया कि इस बात की प्रबल संभावना है कि इस अभियान के दौरान बरामद किए गए नकद का मध्य प्रदेश और दिल्ली में राजनीतिक चुनाव प्रचार एवं मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए किया जा रहा था। इन छापों की प्राथमिक रिपोर्ट दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और चुनाव आयोग से साझा की गई।
सूत्रों के अनुसार छापे के दौरान भोपाल में एक जगह से जब्त नकद को लाने के लिए विभाग से एक बड़ी नकद गाड़ी भेजी गई है। जिन लोगों के परिसरों की तलाशी ली गई वे कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, उनके बहनोई की कंपनी मोजर बेयर से जुड़े अधिकारी और उनके भानजे रतुल पुरी शामिल हैं।
कमलनाथ ने इन छापों पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, आयकर छापों के बारे में स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही उस पर बोलना उपयुक्त होगा, लेकिन पूरा देश जानता है कि पिछले पांच सालों के दौरान कैसे संविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया गया और किनके खिलाफ उनका इस्तेमाल किया गया।
मुख्यमंत्री के बयान में कहा गया था, इन संस्थाओं का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया गया। जब उनके पास विकास और अपने कामकाज के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है तो उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ इस प्रकार की तरकीब अपनाई।