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Last Modified: गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 (22:13 IST)

MP में मोहन यादव सरकार की ऐतिहासिक पहल, जनविश्वास विधेयक से पारदर्शिता एवं सुशासन की नई शुरूआत

मध्यप्रदेश, केन्द्र के बाद इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य

MP में मोहन यादव  सरकार की ऐतिहासिक पहल, जनविश्वास विधेयक से पारदर्शिता एवं सुशासन की नई शुरूआत - Historic initiative of Dr. Mohan Yadav government in Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया है। इस विधेयक का उद्देश्य आम जनता और उद्यमियों के लिए जीवन और व्यवसाय को आसान बनाना है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि न्याय की प्रक्रिया इतनी सरल हों कि आम नागरिक और व्यापारी बिना किसी परेशानी के अपने काम कर सकें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस विधेयक को एक नई सोच के साथ आगे बढ़ाया है। उनका मानना है कि इससे न केवल शासन में पारदर्शिता आएगी, बल्कि मध्यप्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसरों में भी तेजी से बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए राज्य में विकास और सुशासन के नए अध्याय की शुरुआत होगी।

केंद्र सरकार के जन विश्वास अधिनियम, 2023 से यह विधेयक प्रेरित है जिसने राष्ट्रीय स्तर पर 42 केंद्रीय अधिनियमों में 183 प्रावधानों को अपराध-मुक्त किया। इसने छोटे अपराधों को गैर-अपराधीकरण करते हुए, दंड प्रणाली को तर्कसंगत बनाया और नागरिकों व उद्यमियों के लिए नियामकीय बाधाओं को दूर किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस विधेयक को राज्य की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग रैंकिंग को और मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम बताया। उन्होंने कहा, यह विधेयक मध्यप्रदेश में शासन और विकास का नया अध्याय लिखेगा, जिससे निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

सरकार ने विधेयक में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। अब छोटे अपराधों के लिए जेल भेजने की अपेक्षा जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। पुराने और जटिल कानूनों को हटाकर, कानूनी ढांचे को समय के अनुसार अपडेट किया गया है। इससे आम जनता और उद्यमियों को यह विश्वास होगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है और उनके काम को आसान बनाना चाहती है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य में कई सुधार पहले ही लागू किए जा चुके हैं। सरकार ने 920 पुराने और अतार्किक हो चुके कानूनों को खत्म किया है, जिससे कानूनी प्रक्रिया सरल और तेज हुई है। स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे युवाओं और महिलाओं के स्टार्ट-अप में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि यह विधेयक न केवल एक कानूनी बदलाव है, बल्कि जनता और सरकार के बीच भरोसे का एक मजबूत पुल है। जब कानून सरल होंगे और अनुपालन में कठिनाई नहीं होगी, तो निवेश भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह पहल मध्यप्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है। सरकार का यह प्रयास राज्य में शासन और विकास का एक नया मॉडल पेश करेगा, जिससे हर वर्ग को लाभ होगा।

प्रमुख संशोधन-
विधेयक में राज्य के 5 विभागों (औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम, नगरीय विकास एवं आवास) के 8 अधिनियमों में 64 धाराओं में संशोधन किया गया है। इनमें कारावास को जुर्माने में बदलने, दंड को शास्ति में परिवर्तित करने और कंपाउंडिंग (शमन) प्रावधान जोड़ने जैसे सुधार शामिल हैं। अप्रचलित कानूनों का उन्मूलन: 920 अप्रचलित अधिनियम समाप्त किए गए।
व्यावसायिक क्षेत्र में काम आसान एवं त्वरित गति से होंगे। महिला नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप में 157% और कुल स्टार्ट-अप में 125% वृद्धि। GIS आधारित भूमि आवंटन प्रणाली और संपदा 2.0 जैसी पहलों से प्रक्रिया सुगम बनी। विधेयक में राज्य के 05 विभागों के 08 अधिनियमों में 64 उपबंधों में संशोधन है :
जन विश्वास विधेयक लागू होने से छोटे अपराधों का गैर-अपराधीकरण होने से न्यायपालिका का भार कम होगा। अनुपातिक और प्रभावी दंड व्यवस्था लागू होगी। अनुपालन प्रक्रिया को सरल होने से व्यवसाय-अनुकूल वातावरण बनेगा जिससे उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलेगा।  यह विधेयक न केवल कानूनी प्रक्रिया में सुधार है, बल्कि यह नागरिकों और उद्यमियों के लिए सरकार के विश्वास और सहयोग का प्रतीक है। मध्यप्रदेश जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक-2024, मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शिता और सुशासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल विकास और सुशासन के नये आयाम स्थापित करेगी।
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