राममंदिर के बाद श्री राम कॉरिडोर का हो निर्माण, छोटी अयोध्या के तौर हो चित्रकूट की पहचान : श्रवण मिश्रा
Shri Ram Corridor:अयोध्या में बने रहे भव्य राम मंदिर (ram mandir) अगले साल 24 जनवरी से श्रद्धालुओं के खोल दिया जाएगा। अगले साल 15 से 24 जनवरी के बीच भव्य राम मंदिर में रामलला की की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। 24 जनवरी होने वाले मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। अयोध्या में भगवान राम के भव्य राम मंदिर के निर्माण होने के बाद अब भगवान श्री राम से जुड़े देश के अन्य स्थलों का कायाकल्प करने के लिए श्री राम कॉरिडोर (shri ram corridor) बनाए जाने की की मांग उठ रही है।
मध्यप्रदेश भाजपा खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्रवण मिश्रा ने अयोध्या से रामेश्वरम तक जिस स्थानों भगवान राम गुजरते थे उसको श्री राम कॉरिडोर से जोड़ने की मांग की है। भाजपा नेता ने श्रीराम कॉरिडोर को लेकर अपना विजन एक डॉक्यूमेंट्री के जरिए लोगों के साथ साझा किया है। भाजपा नेता श्रवण मिश्रा के श्री राम कॉरिडोर के निर्माण के विजन को लेकर वेबदुनिया ने उनसे खास बातचीत की।
क्या है श्री राम कॉरिडोर?- वेबदुनिया से बातचीत में श्रवण मिश्रा कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों के चलते अब वर्षों के बाद अयोध्या में भगवान राम को टेंट से निकालकर भव्य राम मंदिर में प्रतिष्ठित करने का सपना साकार होने जा रहा है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण सनातन धर्म में आस्था रखने वाले करोड़ों राम भक्तों के लिए एक सपने के साकार होने जैसा है। कुछ इसी तरह भगवान राम के जीवन काल से जुड़े देश के विभिन्न राज्यों में स्थानों को श्री राम कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का एक सपना मैंने भी देखा है जो अब राम मंदिर निर्माण की पूर्णतया की ओर होने के बाद मैंने लोगों के सामने रखा है। श्री राम कॉरिडोर के बनने से आने वाली पीढ़िया भगवान राम के जीवन को और करीब से देख और जान-समझ सकेंगी।
श्रवण मिश्रा बताते हैं कि श्री राम कॉरिडोर को विकसित करने का जो ब्लूप्रिंट उन्होंने लोगों के सामने ऱखा है। उसमें भगवान राम के अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक जाने के उन सभी स्थानों का उल्लेख है और उनको किस तरह से विकसित किया जाए उसकी विस्तृत रुपरेखा बताई गई है। भगवान राम अपने जीवन में जिस पथ से गुजरे उसे श्री राम कॉरिडोर में शामिल करने का पूरा प्लान है। श्रीराम कॉरिडोर बनने से राम भक्त अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक की यात्रा कर सकेगे।
छोटी अयोध्या के रूप में चित्रकूट की पहचान- वेबदुनिया से बातचीत में श्रवण मिश्रा कहते हैं कि भगवान श्री राम ने अपने जीवन का एक लंबा समय चित्रकूट में गुजरा था। महाकवि तुलसीदास जी की रामायण में भी भगवान राम के चित्रकूट में 11 वर्ष 11 माह का समय बिताने का उल्लेख मिलता है। ऐसे में भगवान राम ने चित्रकूट में जहां-जहां समय बिताया और तप किया है, उनको संरक्षित करने के लिए श्री राम कॉरिडोर बनाने का विचार उन्होंने रखा है। श्री राम कॉरिडोर बनने से चित्रकूट को एक छोटी अयोध्या के रुप में डेवलप किया जा सकता है।
श्रवण मिश्रा बताते हैं कि उनके बचपन का काफी समय चित्रकूट में गुजरा है और उन्होंने चित्रकूट को काफी करीब से देखा और जाना समझा है। ऐसे में जब अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तब उन्होंने श्री राम कॉरिडोर को लेकर अपनी सोच को लोगों के बीच रखा है।
श्री राम कॉरिडोर बनने से चित्रकूट का जीर्णोद्धार होगा, इसके साथ धार्मिक पर्यटन के दृष्टि से भी चित्रकूट का महत्व होगा। चित्रकूट में कामदगिरी पर्वत का मार्ग बढ़ा होने के साथ गुप्त गोदावरी के वन में गौ अभ्यारण्य बन सकेगा। इसके साथ चित्रकूट के पर्यटन स्थल के एक प्रमुख केंद्र बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और स्थानीय कोल समाज के लोगों का जीवन स्तर भी सुधरेगा।
MP में धर्मस्थ कॉरिडोर को हो निर्माण-श्री राम कॉरिडोर बनाने के साथ मध्यप्रदेश के धर्मिक स्थलों को एक धर्मस्थ कॉरिडोर से जोड़ने की बात भी श्रवण मिश्रा वेबदुनिया के साथ साझा करते है। वह कहते हैं कि प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों को एक धर्मस्थ कॉरिडोर से जोड़ने से कम समय में लोग सुगमता के साथ मध्यप्रदेश के धर्मिक स्थलों का दर्शन कर सकेंगे।