'दानपात्र' ने 1 दिन में 1.5 लाख जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाकर रचा कीर्तिमान
इंदौर। संस्था 'दानपात्र' के 5,000 से ज्यादा वालंटियर्स द्वारा 13 अगस्त को 1 दिन में पहुंचाई गई लगभग 1.5 लाख जरूरतमंद परिवारों तक मदद शहरवासियों के सहयोग से घरों में उपयोग में न आ रहे पुराने सामान को कलेक्ट कर उपयोग लायक बना लगभग 1.5 लाख जरूरतमंद लोगों तक निःशुल्क सामान वितरित किया गया।
स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एवं कोरोना महामारी से प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंचाने के उद्देश्य से संस्था 'दानपात्र' के 5 हजार से ज्यादा वालंटियर्स द्वारा शुक्रवार के दिन इंदौर और उसके आसपास की अलग-अलग जगहों पर झुग्गी बस्तियों में रहने वाले परिवारों तक लगातार कपड़े, राशन, खिलौने, किताबें, जूते एवं घर का अन्य सामान पहुंचाया गया। झुग्गी में रहने वाले परिवारों के लिए यह दिन किसी विशेष पर्व से कम नहीं था। मदद मिलने से हर किसी के चेहरे पर खुशी और उल्लास देखने को मिला।
टीम से जुड़े वालंटियर्स ने बताया कि इस मिशन को पूरा करने के लिए टीम द्वारा दिन-रात एक कर सतत कार्य किया गया, साथ ही शहरवासियों को सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार जागरूक कर मिशन से जोड़ा गया और इस स्तर पर सामान को एकत्र किया गया। शहरवासियों के सहयोग के बिना 'दानपात्र' का यह मिशन 151K असंभव था। इस मिशन की सफलता ने इंदौर को एक बार फिर से गौरवान्वित किया है।
'दानपात्र' एक ऑनलाइन नि:शुल्क प्लेटफॉर्म है जिसकी मदद से घरों में उपयोग में न आ रहे सामान जैसे कपड़े, खिलौने, किताबें, जूते, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, फर्नीचर एवं अन्य सामान को कलेक्ट कर उपयोग लायक बना जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाया जाता है। इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत 10 मार्च 2018 में की गई थी जिससे अब तक सेवा कार्य कर 7 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाई जा चुकी है एवं 70 हजार से ज्यादा इंदौरवासी इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं। इस प्लेटफॉर्म से 5 से 7 हजार वालंटियर्स जुड़े हुए हैं, जो अपना समय देकर सहयोग करते हैं। 'दानपात्र' की पारदर्शिता से कार्य करने की वजह से इंदौर के साथ-साथ विदेशों से भी लोग सामान डोनेट कर रहे हैं। 'दानपात्र' के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे सिर्फ एक फोन कॉल पर या 'दानपात्र' ऐप में रिक्वेस्ट डालने पर सामान डोनेट कर सकता है।
'दानपात्र' टीम के सदस्यों द्वारा रिक्वेस्ट मिलने पर घर जाकर वह सामान कलेक्ट किया जाता है और फिर उसे फिल्टर कर जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाया जाता है। साथ ही उसका फोटो, वीडियो 'दानपात्र' के सोशल मीडिया पेजेस पर जाकर अपलोड कर दिया जाता है जिससे जिसने भी सामान डोनेट किया है, वह देख सके कि उसका दिया सामान किस जरूरतमंद परिवार तक पहुंचा है। 'दानपात्र' देने वाले और लेने वालों के बीच सेतु बनकर दोनों की ही मदद कर रहा है। इससे घरों में उपयोग में न आ रहे सामान को फेंकने से बचाकर जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाकर उनकी मदद की जा रही है जिससे समाज में कई सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं।
संस्था के सदस्यों द्वारा कोरोना काल में भी बिना रुके सतत कार्य कर लगभग 50 हजार से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक राशन किट एवं अन्य जरूरत का सामान पहुंचाकर उरनकी मदद की गई। टीम से जुड़े वालंटियर्स का कहना है कि हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि हम समाज से कुछ ले हे हैं, तो उसके बदले में उसे क्या लौटा रहे हैं? और इस तरह का प्लेटफॉर्म मिलने से सही व्यक्ति तक मदद पहुंचाना बहुत ही आसान हो गया है और इस तरह के इनिशिएटिव से हम सभी को जुड़कर मदद के लिए जरूर आगे आना चहिए। जो लोग पुराने सामान को बेकार समझकर फेंक दिया करते हैं, उनके लिए 'दानपात्र' प्रेरणा है कि किस तरह टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके पुराने सामान को रिसाइकल कर लाखों लोगों की मदद की जा सकती है और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है।