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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 10 फ़रवरी 2020 (09:32 IST)

मध्यप्रदेश में दलित और आदिवासी पर भाजपा और कांग्रेस में ठनी

मध्यप्रदेश में दलित और आदिवासी पर भाजपा और कांग्रेस में ठनी - Dalit-Adivasi voters top agenenda in Madhya Pradesh Politics
मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव से पहले दलित और आदिवासी को लेकर एक बार फिर सियासत गर्म हो गई है। पिछले दिनों भोपाल में संघ प्रमुख मोहन भागवत की बैठक और संघ द्धारा 2021 की जनगणना में आदिवासियों से धर्म वाले कॉलम में हिंदू लिखवाने की तैयारी को लेकर कांग्रेस ने अक्रामक रुख अपना लिया है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संघ के एजेंडे का विरोध करते हुए कहा कि संघ को इस बात की अनुमति नहीं दी जाएगी कि आदिवासियों की इच्छा के खिलाफ उनसे धार्मिक संबद्धता दर्शाने को कहा जाए। उन्होंने संघ को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आरएसएस मध्य प्रदेश में ऐसा कोई अभियान चलाएगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी आदिवासी भाईयों के जीवन में जहर घोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।   
 
कमलाथ का दलित कार्ड – आदिवासी को साधने के साथ- साथ दलितों को साधने के लिए कांग्रेस ने संत रविदास जयंती पर सागर में एक बड़ा कार्यक्रम किया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा नागरिकता कानून को लाने को लेकर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि रविदास जी का संदेश भाईचारे-एकता का था और इसकी सबसे बड़ी जरुरत है।

उन्होंने कहा कि रविदास समाज सुधारक थे और उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया था। उन्होंने कहा कि कि व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि अच्छे कार्यों से श्रेष्ठ होता है। सागर में कांग्रेस के बड़े सम्मलेन को दलित वोट बैंक को साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। 
 
भाजपा ने बोला हमला – सागर में कांग्रेस के बड़े सम्मेलन पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और उसके मुखिया मुख्यमंत्री कमलनाथ दलितों के हितैषी बनने की कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन दलित उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। सागर में हुए आयोजन में मुख्यमंत्री कमलनाथ दलितों के नाम पर राजनीतिक पर्यटन करके लौट आए। उन्होंने न तो वहां धनप्रसाद अहिरवार के परिजनों से मिलना उचित समझा और न ही दलितों के उत्थान के लिए कोई वचन दे पाए। 
 
संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती पर सागर गए मुख्यमंत्री कमलनाथ के जिंदा जलाए गए धनप्रसाद अहिवार के घर नहीं जाने और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना नहीं देने पर सवाल उठाए
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