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  4. Coordination between development and environmental protection plans is essential: Chief Minister Dr. Mohan Yadav
Last Modified: सोमवार, 11 अगस्त 2025 (18:34 IST)

'समन्वय' से ही सबकुछ होता है, जानें सीएम डॉ. मोहन यादव ने किस बात की ओर किया इशारा

शिकायत के 4 दिनों में होगी सड़क के गड्ढों की मरम्मत- मंत्री राकेश सिंह

Chief Minister Dr. Mohan Yadav

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग के ध्येय “लोक निर्माण से लोक कल्याण” को साकार करने की दिशा में ‘पर्यावरण से समन्वय’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी-सह प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए योजनाबद्ध तरीके से सामंजस्य और समन्वय स्थापित हो, जिससे विकास के साथ प्रकृति भी संरक्षित रहें। भारत की प्राचीन निर्माण परंपराएं आज भी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मार्गदर्शन करती हैं।

उन्होंने भोपाल के बड़े तालाब का उदाहरण देते हुए बताया कि यह बिना किसी नदी की मुख्यधारा को रोके, प्राकृतिक चट्टानों के बीच पानी संग्रहित करने की तकनीक से बना था। यह तालाब केवल सजावट की वस्तु नहीं, बल्कि पीने के पानी का स्रोत भी है। इसकी संरचना इस तरह है कि अतिरिक्त पानी स्वतः बाहर निकल जाता है और संरचना की लागत भी कम रहती है।

आज सड़क निर्माण में वन्यजीव संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पुलों के नीचे अंडरपास बनाए जा रहे हैं, जिससे बाघ और अन्य जानवर सुरक्षित रूप से गुजर सकें और यातायात भी प्रभावित न हो। यह केवल तकनीक नहीं, बल्कि प्रकृति और विकास के बीच संतुलन की मिसाल है। वर्तमान समय में निर्माण सामग्री की मात्रा, डिज़ाइन की गुणवत्ता और लागत-प्रभावशीलता पर पर्याप्त ध्यान देने की आवश्यकता है। निर्माण में मात्रा से ज्यादा महत्व गुणवत्ता का है। अभियंता वह है जो विज्ञान, गणित और तकनीक, इन तीनों में समान दक्षता रखते हुए उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करे।

ऐसे निर्माण करें जो आने वाली पीढ़ियों के लिए उपयोगी हों- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमें ऐसे निर्माण करने चाहिए, जिन पर हमें स्वयं गर्व हो और जो आने वाली पीढ़ियों के लिए उपयोगी हों। विभागीय दायरे और नियमों के भीतर रहते हुए भी अभियंताओं को रचनात्मक सोच से समाधान खोजने होंगे, जिससे परियोजनाएं गुणवत्ता, लागत और पर्यावरण –तीनों मानकों पर श्रेष्ठ साबित हों।

4 दिनों में होगी सड़क के गड्ढों की मरम्मत- कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि लोकपथ मोबाइल ऐप के माध्यम से सड़क मरम्मत व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। पहले गड्ढों की मरम्मत की समय-सीमा 7 दिन थी, जिसे हम शीघ्र ही घटाकर 4 दिन करने का निर्णय कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए विभाग ने कई ठोस और प्रभावी कदम उठाए हैं। निर्माण कार्य के लिए निकाली जाने वाली मिट्टी के स्थान पर लोककल्याण सरोवर का निर्माण किया जा रहा है। प्रत्येक किलोमीटर पर ग्राउंड वाटर रीचार्ज बोर बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ आज यह संकल्प लिया गया है कि विभाग के सभी भवनों में वर्षा जल संचयन की व्यवस्था की जाएगी, प्रत्येक परिसर को हरियाली से आच्छादित किया जाएगा, विभाग में प्लास्टिक बोतलों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा और सभी कार्यालय भवनों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए जाएंगे। मंत्री श्री सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि अभियंताओं के समर्पण, विभागीय नवाचारों और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन से मध्यप्रदेश का लोक निर्माण विभाग आने वाले समय में नवाचार, गुणवत्ता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में देश में एक अलग और सर्वोच्च पहचान बनाएगा।
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