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Last Updated : बुधवार, 31 जनवरी 2024 (13:05 IST)

कांग्रेस ने मोहन सरकार को याद दिलाई मोदी की गारंटी, गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रु क्विंटल करने की मांग

कांग्रेस ने मोहन सरकार को याद दिलाई मोदी की गारंटी, गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रु क्विंटल करने की मांग - Congress cornered the government regarding support price of wheat in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश मे गेहूं खरीदी की सरकार की तैयारियों के बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने मोहन सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के सहारे सरकार से किसानों से 2700 रु. प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं खरीदी की मांग की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीत पटवारी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तैयारी शुरू कर दी है। गेहूं के लिए 05 फरवरी से पंजीयन शुरू होंगे, जो कि 01 मार्च तक चलेंगे। इसके बाद 15 मार्च से खरीदी शुरू होने की संभावना है।

पीसीसी चीफ ने अपने पत्र में आगे लिखा  कि “मुख्यमंत्री जी, उपरोक्त सभी तैयारियों के लिए मैं आपको इसलिए बधाई देता हूं कि आपने किसानों की परेशानियों को समझते हुए इस बार व्यापक व्यवस्थाएं की हैं! लेकिन, मुझे आश्चर्य भी हो रहा है कि इतनी तमाम तैयारियों के बीच आपकी सरकार यह कैसे भूल गई है कि इस साल से गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल देना है! क्योंकि, “मोदी जी के गारंटी” और भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल ही निर्धारित किया गया था! बीते विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेताओं ने गांव-गांव जाकर किसानों को इस बात का विश्वास दिलाया था कि भाजपा सरकार बनने के बाद गेहूं उत्पादक किसानों की सुविधाओं और अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाएगा! आपकी "डबल इंजन" सरकार पर विश्वास करने वाला किसान अब यह जानने के लिए बहुत उत्सुक है कि घोषित समर्थन मूल्य के निर्देश कब जारी होंगे? 

उन्होंने आगे लिखा कि “मुख्यमंत्री जी, ऐसा तो नहीं कि आपकी सरकार धान की तरह अब गेहूं उत्पादक किसानों के साथ भी वादाखिलाफी की नीयत बना चुकी है? क्योंकि, मैंने गेहूं की तरह धान की खेती करने वाले किसानों से जुड़े सवालों पर भी आपकी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था! यह भी बताया था कि धान की खरीदी 19 जनवरी से बंद हो गई! किसान इंतजार करते रहे, लेकिन ₹3100 प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य नहीं दिया गया! जबकि चुनावी घोषणा पत्र में भी भाजपा ने किसानों की इस मांग को "मोदी की गारंटी" का नाम दिया था! साल 2022-23 में मध्यप्रदेश में लगभग 46 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। इस साल भी प्रदेश में इसी लक्ष्य के साथ धान की खरीदी की गई! लगभग 8 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवाया! ₹2183 प्रति क्विंटल के हिसाब से धान बेचने वाले मप्र के लाखों किसान अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं! किसानों का आरोप है कि MP में अब "मोदी की गारंटी" का भी कोई मोल नहीं है! मैं यह उम्मीद भी करता हूं आपकी सरकार गेहूं उत्पादक किसानों को इस बात के लिए आश्वस्त कर देगी कि उनकी मेहनत को इस वर्ष 2700 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही सम्मानित किया जाएगा! मुझे पूरा विश्वास है आप किसानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से विचार करेंगे”।